तपोवन विधानसभा में शीतकालीन सत्र के पहले दिन बुधवार को हिमाचल किसान सभा कांगड़ा कमेटी और सीटू जिला कमेटी कांगड़ा के किसानों और मजदूरों ने हिमाचल किसान सभा के राज्य महासचिव एवं पूर्व विधायक राकेश सिंघा के नेतृत्व में सिद्धबाड़ी से जोरावर स्टेडियम तक रैली निकालते हुए मांगों को लेकर अपनी आवाज बुलंद की।रैली से शुरू हुआ यह विरोध प्रदर्शन धरने में बदल गया,जो करीब तीन घंटे तक चला।पुलिस के रोके जाने के बाद करीब 15 सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल को तपोवन विधानसभा परिसर में जाने की अनुमति प्रदान की गई।सीटू के वित्त सचिव अशोक कटोच ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल समूह द्वारा सी.पी.आई.एम. से पूर्व विधायक रहे राकेश सिंघा के नेतृत्व में सीएम सुक्खू से मुलाकात की गई और मांग पत्र सौंपा गया।जिस पर मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि ये मांगें उनके ध्यान में पहले से हैं और इन मांगों पर कार्य किया जाएगा।इससे पहले धरने को संबोधित करते हुए राकेश सिंघा ने कहा कि जल्द मांगों को नहीं माना गया तो यह आंदोलन हिमाचल सहित जिला कांगड़ा में और तेज किया जाएगा,जिसके लिए सरकार स्वयं जिम्मेदार होगी।

उन्होंने कहा कि उनकी मुख्य मांगों में चार श्रम संहिताओं को वापस लिया जाए।जमीन से बेदखली रोकी जाए।पौंग बांध विस्थापितों की लंबित मांगों का हल किया जाए और मंड-रियाली में अवैध खनन पर रोक लगाकर मंड को नो-माइनिंग जोन घोषित किया जाए।मिड-डे मील वर्कर,आंगनबाड़ी वर्कर व हैल्पर,आशा वर्कर सभी स्कीम वर्करों को नियमित कर्मचारी बनाया जाए।आऊटसोर्स कर्मियों को भी नियमित किया जाए।इस दौरान सतपाल सिंह,जगदीश जग्गी,प्रताप सिंह,रविंद्र कुमार,केवल कुमार, अशोक कटोच,सुरजीत राणा,सुरजीत सिंह सिपहिया,पंकज दर्शी,कुलदीप सिंह,संदीप कुमार,डा.अशोक सोमल और नानक चंद सहित अन्य कमेटी के सदस्य मौजूद रहे।

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