
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शिमला के समीप बालिका आश्रम का दौरा कर वहां रह रहे बच्चों के साथ दीपावली मनाई।उन्होंने आश्रम की बालिकाओं को दीपावली पर्व की शुभकामनाएं दीं और उनके सुखमय एवं उज्ज्वल भविष्य की कामना की।मुख्यमंत्री ने बालिकाओं को मिठाई और उपहार भी वितरित किए।श्री सुक्खू ने इस मौके पर कहा कि प्रदेश सरकार ने अनाथ बच्चों की शिक्षा और देखभाल के लिए मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना शुरू की है। इसके अंतर्गत 27 वर्ष की आयु पूरा होने तक इन बच्चों की पढ़ाई समेत अन्य सभी खर्चांे को एक अभिभावक के रूप में सरकार पूरा कर रही है।ये बच्चे हमारे समाज का हिस्सा हैं और प्रदेश के संसाधनों पर उनका पूरा अधिकार है इसलिए उनके लिए यह योजना लाकर सरकार ने कोई एहसान नहीे किया हैै।मुख्यमंत्री ने कहा कि 12वीं कक्षा की पढ़ाई पूरा होने के बाद भी सरकार इन बच्चों की उच्च एवं व्यावसायिक शिक्षा का पूरा खर्च उठाएगी।उनकी फीस के साथ-साथ हाॅस्टल व वस्त्रों का खर्च सरकार वहन करेगी तथा उन्हें 4 हजार रुपये हर माह भत्ते के रूप में भी प्रदान किए जा रहे हैं।प्रदेश सरकार हर संभव कोशिश कर रही है कि अपने माता-पिता को खोने वाले ये बच्चे आत्मनिर्भर बन सकें और आत्मसम्मान के साथ अपना जीवन व्यतीत करें।श्री सुक्खू ने कहा कि आश्रम की बालिकाओं को देश भ्रमण का अवसर भी प्रदान किया जा रहा है,16 बालिकाओं को कुछ समय पूर्व भ्रमण पर भेजा गया था और अब अन्य बालिकाओं को भेजा जाएगा ताकि भ्रमण के साथ-साथ उनके ज्ञान और आत्मविश्वास की वृद्धि हो सके।उन्होंने कहा कि इन बच्चों के विवाह के लिए राज्य सरकार ने दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने का प्रावधान किया है।इसके अलावा,जिनके पास अपनी जमीन है लेकिन मकान नहीं है,उन्हें भी तीन लाख रुपये की मदद देने का प्रावधान किया गया है।उन्होंने कहा कि भविष्य में इन बच्चों को और सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।आश्रम की बालिकाओं ने इस अवसर पर रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दीं।मुख्यमंत्री ने बाद में मशोबरा स्थित नारी सेवा सदन भी गए और वहां रह रहीं महिलाओं को मिठाइयां व उपहार बांटे तथा दीपावली पर्व की शुभकामनाएं दीं।नगर निगम शिमला के महापौर सुरेंद्र चौहान,मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान,महिला एवं बाल विकास विभाग के निदेशक पंकज ललित और उपायुक्त अनुपम कश्यप भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
