
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बुधवार काे प्रश्नकाल के दौरान रोजगार और जॉब ट्रेनी पॉलिसी को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली।इस मुद्दे की शुरूआत तब हुई जब भाजपा विधायकों विपिन सिंह परमार और सतपाल सत्ती ने सरकार से रोजगार के आंकड़ों पर सवाल पूछा।विपक्ष ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के जवाब को असंतोषजनक बताते हुए सदन से वॉकआऊट कर दिया।

सदन के बाहर मीडिया से बात करते हुए विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने सरकार पर रोजगार के मुद्दे पर युवाओं से झूठ बोलने का आरोप लगाया।उन्होंने कहा कि पिछले साल सदन में सरकार ने 34,980 लोगों को रोजगार देने का दावा किया था,जबकि इस साल 15 अगस्त को मुख्यमंत्री ने सरकाघाट में 23,191 सरकारी नौकरियां देने की बात कही।जयराम ठाकुर ने इस बात पर हैरानी जताई कि एक साल में रोजगार के आंकड़े बढ़ने के बजाय घट गए हैं।उन्होंने मुख्यमंत्री सुक्खू पर आरोप लगाया कि वे विधानसभा के अंदर और बाहर दोनों जगह झूठे बयान दे रहे हैं।जयराम ने याद दिलाया कि कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में हर साल 1 लाख और 5 साल में 5 लाख नौकरियां देने का वायदा किया था।उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को सत्ता में आए लगभग तीन साल हो गए हैं,लेकिन युवाओं को नौकरी नहीं मिल रही है।उनका आरोप है कि सरकार केवल पिछली भाजपा सरकार के समय की लंबित भर्तियों के ही परिणाम घोषित कर रही है और नई भर्तियां बंद पड़ी हैं,जिससे युवा परेशान हैं।

इसके अलावा जयराम ठाकुर ने सरकार की नई जॉब ट्रेनी पॉलिसी की भी कड़ी आलोचना की।उन्होंने कहा कि यह पॉलिसी युवाओं के साथ धोखा है।उन्होंने बताया कि इस नीति के तहत कमीशन पास करने वाले उम्मीदवारों को स्थायी नौकरी पाने के लिए दो साल बाद फिर से एक और परीक्षा देनी होगी।उन्होंने आऊटसोर्स पर भर्ती हुई नर्सों से एजैंसियों द्वारा पैसे लेने का भी आरोप लगाया।
