
Shimla नगर निगम में व्यवस्था परिर्वतन होते ही कांग्रेस शासित निगम की पहली मासिक बैठक में पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह और विधायक हरीश जनारथा से लेकर महापौर सुरेंद्र चौहान ने शहर में बिगड़ी सफाई व्यवस्था की लचर कार्यप्रणाली को लेकर अधिकारियों की जमकर क्लास लगाई।मंगलवार को निगम हाऊस की पहली ही बैठक मेयर सुरेंद्र चौहान की अध्यक्षता में हुई।बैठक में पंचायती राज मंत्री विशेष तौर से उपस्थित रहे।इस दौरान सबसे पहले तो सभी अधिकारियों को हाऊस को गंभीरता से लेने की हिदायत मंत्री ने दी,उसके बाद जिन विभागों के अधिकारियों को बैठक में बुलाया गया था,उनके नहीं आने पर अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।वहीं विधायक हरीश जनारथा ने शहर में बिगड़ी सफाई व्यवस्था को लेकर प्रशासन को आड़े हाथ लिया।हरीश जनारथा ने कहा कि सैहब के तहत करीब 300 कर्मचारी ऐसे हैं जो पिछली सरकार के समय से मंत्रियों व अधिकारियों की कोठियों में काम कर रहे हैं या फिर कई तो ऐसे हैं जिन्हें निगम बिना काम के हर महीने वेतन दे रहा है।इस पर मंत्री व विधायक ने अधिकारियों को लताड़ लगाते हुए इन 300 कर्मचारियों की लिस्ट रिपोर्ट के साथ देने व उनसे रिकवरी करने के आदेश दिए हैं।

निगम की पहली ही बैठक में मेयर सुरेंद्र चौहान एक्शन मोड में दिखे और अधिकारियों को गंभीरता से कार्य करने की हिदायत दी है।उन्होंने कहा कि काम में कोताही बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं होगी।इस दौरान मंत्री ने काम में कोताही बरतने वाले कर्मचारियों पर नुकेल कसने के लिए दिन में 2 बार हाजिरी लगाने के निर्देश दिए हैं,साथ ही हाजिरी सिस्टम को बायोमीट्रिक करने के निर्देश भी दिए हैं ताकि फील्ड कर्मचारियों पर नुकेल कसी जा सके।बैठक में ज्यादातर कर्मचारियों को फील्ड में तैनात करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि लोगों को सुविधा मिल सके।मेयर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि अधिकारियों व पार्षदों को मिलकर काम करना है,ऐसे में दोनों एक-दूसरे का सहयोग करें।बैठक में निगम आयुक्त आशीष कोहली,अतिरिक्त आयुक्त बीआर शर्मा,जल प्रबंधन कंपनी के एजीएम पीपी शर्मा समेत अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
