भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सररकार द्वारा पेश किया गया बजट जनता को गुमराह करने वाला बजट है,इस बजट में न तो दृषिकोण ओर है न दिशा। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से झूठी गारंटियों के सहारे कांग्रेस पार्टी सत्ता में आई है,उसी प्रकार से इस बजट में जनता को गुमराह करने का प्रयास किया गया है।पर इस बार जनता गुमराह नहीं होएगी अगर आप इस बजट को देखें तो बजट में उन्होंने खुद माना है कि 6200 करोड़ रुपए का गैप है इसका मतलब आय कम और खर्चा ज्यादा।

“ठन-ठन गोपाल वाला बजट”
सुरेश कश्यप ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की अगर आय 100 रुपए है तो उसमें से देनदारियों को देने के बाद हिमाचल के पास केवल 29 रुपए ही बचते हैं,इसका मतलब हिमाचल प्रदेश में विकास कार्यों के लिए बहुत कम पैसा रह गया है।जबसे कांग्रेस की सरकार सत्ता में आई है तब से हिमाचल प्रदेश में विकास कार्य ठप्प हो गए हैं और जिस प्रकार से यह बजट प्रस्तुत किया गया है इस प्रकार से विकास कार्य आने वाले वर्ष में भी ठप्प ही दिखाई दे रहे हैं।उन्होंने कहा कि ग्रीन हिमाचल को लेकर सरकार के बजट में शोर ज्यादा था परंतु धरातल पर यह बजट ठन-ठन गोपाल वाला बजट रहा।उन्होंने कहा कि कई महत्वपूर्ण योजनाओं के ऊपर सरकार चुप्पी साधे बैठी रही,जैसे गृहिणी सुविधा योजना,शगुन योजना,सहारा योजना,हिम केयर योजना और मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना इन महत्वपूर्ण योजनाओं जिससे जनता का उद्धार होता है उसके बारे में इस बजट में कुछ भी नहीं कहा गया इसका मतलब इस बजट में इन योजनाओं के लिए प्रावधान नहीं किया गया।सुरेश कश्यप ने कहा कि अपनी गारंटियों को पूरा करने के लिए सरकार ने हिमाचल की विकास की गति को रोक दिया परंतु आज जब इन्होंने घोषणा करी कि हिमाचल प्रदेश में 231000 महिलाओं को ही केवल 1500 रुपए प्रतिमाह मिलेंगे तो उससे साफ दिखाई देता है कि कांग्रेस महिलाओं को भी गुमराह कर रही है।इस देनदारी के लिए प्रावधान किया नहीं गया और बजट में इसको बोल दिया गया,देखना यह है कि पहले जब यह सरकार बनी थी तो 3200000 महिलाओं की बात की जा रही थी और आज यह आंकड़ा 231000 हो गया है।उन्होंने कहा कि इस हिमाचल के बजट में केंद्र सरकार के बजट की नकल करने का पूर्ण प्रयास किया गया है,केंद्र सरकार ने स्पष्ट कहा है कि भारत में 197 मेडिकल कॉलेज के साथ नर्सिंग कॉलेज बनाए जाएंगे पर इन नर्सिंग कॉलेज का श्रेय कांग्रेस की प्रदेश की सरकार लेना चाहती है

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