प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद शुरू हुए विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन ही सदन में जमकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच हंगामा हुआ।विपक्ष ने पहले दिन ही नारेबाजी के बीच सदन से वॉकआऊट किया।

इससे पहले सदन में दोनों पक्षों के बीच जमकर शब्दबाण भी चले।नोकझोंक के बीच माहौल कई बार गर्माया।दोनों पक्षों में तल्खी देखी गई।सत्र शुरू होते ही जब राष्ट्रगान के बाद प्रोटेम स्पीकर चन्द्र कुमार ने विधायकों की शपथ ग्रहण की प्रक्रिया आरंभ करने को कहा।अभी विधायकों की शपथ के लिए प्रोटेम स्पीकर ने प्रक्रिया शुरू ही की थी कि नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने सदन में खड़े होकर संस्थानों को डिनोटिफाई करने का मामला उठाया।उन्होंने इस पर कड़ी आपत्ति जाहिर की।इस पर प्रोटेम स्पीकर ने कहा कि पहले विधायकों की शपथ ग्रहण प्रक्रिया पूरी हो,उसके बाद नियमों के तहत वह मामला उठाएं लेकिन नेता विपक्ष अपनी बात पर अड़े थे।इसी दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच काफी देर तक नोकझोंक भी हुई।मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के हस्तक्षेप के बाद सदन की कार्रवाई शुरू हई ओर विधायकों का शपथ ग्रहण प्रक्रिया शुरू हुई।शपथ ग्रहण प्रक्रिया खत्म होते ही सदन में फिर से विपक्ष ने यह मामला उठाया।मुख्यमंत्री ने अपना वक्तव्य देना शुरू किया तो विपक्ष की तरफ से बीचोंबीच में खूब टीका टिप्पणी भी की जाने लगी। कई बार माहौल काफी गर्माया और नारेबाजी भी हुई।
“बदले की भावना से हो रहा कार्य :जयराम”
विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने कहा कि इतिहास में पहली बार बदले की भावना से कार्य आरंभ हुआ है। इससे पहले कभी किसी सरकार ने पूर्व सरकार के कार्यों पर ऐसे नहीं किया।इससे बेहतर होता सरकार समीक्षा करती और उसके बाद ही संस्थानों को आवश्यकता के आधार पर रिव्यू करती।
