
औद्योगिक विकास के क्षेत्र में एक और उपलब्धि हासिल करते हुए हिमाचल प्रदेश को भारत सरकार के उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग द्वारा संचालित बिजनेस रिफॉर्म्स एक्शन प्लान-2024 में ‘टॉप अचीवर राज्य’ घोषित किया गया है।यह सम्मान राज्य को कंस्ट्रक्शन परमिट एनब्लेर्स,स्वास्थ्य क्षेत्र और सेवा क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रदान किया गया।हिमाचल ने 100 में से 98 प्रतिशत अंक अर्जित कर यह उपलब्धि हासिल की है।यह पुरस्कार केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल द्वारा उद्योग समागम-2025 में प्रदान किया गया,जिसे राज्य की ओर से प्रधान आवासीय आयुक्त अजय यादव और महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र सिरमौर रचित शर्मा ने प्राप्त किया।

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इस उपलब्धि के लिए उद्योग विभाग की सराहना करते हुए कहा कि राज्य सरकार निवेशकों को सुगम,पारदर्शी और त्वरित सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है।उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में राज्य में अनेक निवेशकदृहितैषी सुधारात्मक पहलें की गई हैं।इन पहलों का उद्देश्य एक पारदर्शी,कुशल और अनुकूल व्यावसायिक वातावरण विकसित करना है।उन्होंने कहा कि राज्य ने कंस्ट्रक्शन परमिट एनब्लेर्स,स्वास्थ्य और सेवा क्षेत्र में अनेक सकारात्मक पहल की हैं।प्रदेश सरकार का प्रयास है कि सभी क्षेत्रों में किए जा रहे सुधार उद्यमियों और एमएसएनई के लिए वास्तविक सुविधा प्रदान करें।मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में निवेश से संबंधित स्वीकृतियां समयबद्ध प्रदान की जा रही हैं,जिससे निवेशकों को त्वरित और सुचारू सेवाएं मिल सकें।साथ ही मौजूदा सिंल विंडो प्रणाली को नए सिंल विंडो प्लेटफॉर्म से जोड़ा गया है,जिससे प्रक्रियाएं और अधिक तकनीक सक्षम,पारदर्शी और तीव्र गति से संचालित हो रही हैं तथा राज्य में ईज ऑफ़ डुइंग बिजनेस को और सुदृढ़ किया गया है।

उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि यह सम्मान राज्य की सुधार-उन्मुख शासन व्यवस्था और उद्योग-हितैषी दृष्टिकोण का परिणाम है।उन्होंने कहा कि प्रशासन को पारदर्शी,तकनीक सक्षम और निवेश अनुपूर्ण बनाने का निरंतर प्रयास किया गया है।अतिरिक्त मुख्य सचिव (उद्योग) आर.डी.नजीम ने कहा कि अनुमतियों के डिजिटलीकरण और जवाबदेही के सुदृढ़ीकरण से हिमाचल ने एक विश्वसनीय औद्योगिक वातावरण तैयार किया है।राज्य में सिंगल विंडो प्रणाली के तहत 150 से अधिक सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध हैं।इंडस्ट्रियल इन्वेस्टमेंट पॉलिसी 2019,एमएसएमई नीति 2023 और स्टार्टअप नीति 2022 के माध्यम से नवाचार,निवेश और रोजगार सृजन को बढ़ावा दिया जा रहा है।
