रिवर्स बायर–सेलर मीट”में भाग लेने के लिए हांगकांग के उद्योगपतियों को हिमाचल का निमंत्रण।

हांगकांग स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास में हिमाचल प्रदेश सरकार के प्रतिनिधिमंडल और हांगकांग के प्रमुख उद्योग प्रतिनिधियों एवं निवेशकों के बीच एक संवादात्मक व्यवसायिक सत्र सफलतापूर्वक आयोजित किया गया।यह सहभागिता हिमाचल प्रदेश और हांगकांग के बीच औद्योगिक सहयोग,व्यापारिक संबंधों और निवेश साझेदारियों को विस्तारित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई।प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने किया।उनके साथ आर.डी.नजीम,अतिरिक्त मुख्य सचिव (उद्योग)हिमाचल प्रदेश सरकार,तिलक राज शर्मा,अतिरिक्त निदेशक (उद्योग)हिमाचल प्रदेश सरकार तथा संजय शर्मा,हिमाचल उद्योगों का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।प्रतिनिधिमंडल का स्वागत हांगकांग में भारत की कार्यवाहक महा वाणिज्यदूत,सुश्री सुरभि गोयल ने किया,जिन्होंने राज्य की क्षेत्रवार साझेदारियों को प्रोत्साहित करने और सतत औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता की सराहना की।प्रतिनिधिमंडल ने आगामी “रिवर्स बायर–सेलर मीट” की घोषणा करते हुए हांगकांग के व्यापार और उद्योग प्रतिनिधियों को हिमाचल प्रदेश में व्यापारिक अवसरों की खोज के लिए भागीदारी का आमंत्रण दिया।इस सत्र में भारत और हांगकांग के अनेक अग्रणी उद्योगपतियों और संस्थागत प्रतिनिधियों ने भाग लिया,जिनमें शामिल थे सुरेंद्र रोशा (एच.एस.बी.सी.)डॉ. प्रदीप (हेटरो मेडिकल)गुल मिर्पुरी (आई.बी.ए.)भारती मानेक (आई.सी.सी.)विपिन पांडे (एस.बी.आई.)दिलीप बरूआ (एयर इंडिया)सुमित लाथ (शार्ज़र)क्रिस्टोफर (प्राइमार्क)एलेक्स कैसर (सी.एल.पी.), मनोज कुलकर्णी (जॉनसन इलेक्ट्रिक्स)महेंद्र गोकल (गोक ल एंड संस लिमिटेड) और केन लाम (जी-लॉग्स लिमिटेड)। इन सभी ने हिमाचल प्रतिनिधिमंडल के साथ केंद्रित चर्चाओं में भाग लिया।बैठक के दौरान आर.डी.नजीम ने हिमाचल प्रदेश की औद्योगिक स्थिति और निवेश-अनुकूल नीतियों पर एक संक्षिप्त प्रस्तुति दी।उन्होंने राज्य की विनिर्माण,स्वास्थ्य सेवा,औषधि निर्माण,पर्यटन, प्रौद्योगिकी तथा विद्युत गतिशीलता में रणनीतिक विशेषताओं को रेखांकित किया। उन्होंने यह भी बताया कि सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यमों की प्रतिस्पर्धात्मकता को सुदृढ़ करने के लिए विश्व बैंक सहयोग से संचालित “रैम्प कार्यक्रम” के अंतर्गत विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।साथ ही साहसिक और आध्यात्मिक पर्यटन,विशेषकर “बौद्ध परिपथ” के विकास की संभावनाओं को भी प्रमुखता दी।सतत औद्योगिकीकरण के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता पर बल देते हुए हिमाचल प्रदेश प्रतिनिधिमंडल ने यह आश्वासन दिया कि निवेशकों को मजबूत “एकल खिड़की स्वीकृति प्रणाली” और आधुनिक औद्योगिक अवसंरचना के माध्यम से सुगम कारोबारी वातावरण उपलब्ध कराया जाएगा।यह संवादात्मक सत्र आपसी आर्थिक सहयोग को सुदृढ़ करने,नवाचार-आधारित विकास को बढ़ावा देने और उच्च क्षमता वाले क्षेत्रों में दीर्घकालिक साझेदारी स्थापित करने के सामूहिक संकल्प के साथ संपन्न हुआ।

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