राजीव गांधी वन संवर्धन योजना के तहत वनों के संरक्षण पर दिया विशेष बल।

उप मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने कहा कि पेड़ों और जंगलों का संरक्षण बेहद जरुरी है इसलिए सभी युवा बढ़चढ़ कर पौधरोपण करें और इन पौधों व जंगलों का संरक्षण सुनिश्चित करें।केवल सिंह पठानिया यहां अलख प्रकाश गोयल (एपीजी) शिमला विश्वविद्यालय में आयोजित पौधारोपण कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि शामिल हुए।इस दौरान महाधिवक्ता अनूप रतन कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि शामिल हुए।

केवल सिंह पठानिया ने युवाओं को कार्यक्रम की बधाई दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।उन्होंने युवाओं से वन संपदा को आने वाली पीढ़ी के लिए संजो कर रखने का भी आवाहन किया।उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश अपनी समृद्ध जैव विविधता की रक्षा और संवर्धन में भी महत्वपूर्ण प्रगति कर रहा है।वर्ष 2030 तक वनों की संख्या को 30 प्रतिशत बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।राजीव गांधी वन संवर्धन योजना के तहत महिला मंडल,युवा मंडल,स्वयं सहायता समूह और संयुक्त वन समितियां 01 से 05 हेक्टेयर जंगल भूमि पर 05 वर्षों तक पौधारोपण और देखभाल करेंगी।इसके लिए 100 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है।प्रदेश में इस वर्ष,1,000 से 1,500 हेक्टेयर जंगल भूमि में पौधारोपण किया जा रहा है,जिसकी लागत लगभग 20 करोड़ रुपये है।

सरकार द्वारा पौधों की देखभाल के लिए प्रति हेक्टेयर अतिरिक्त 1.2 लाख रुपये दिए जा रहे हैं।यह प्रयास न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करते हैं बल्कि हरित और व्यवस्थित जंगल क्षेत्रों के निर्माण से पर्यावरण प्रेमियों को आकर्षित करके सतत पर्यटन को भी बढ़ावा देते हैं।इस दौरान उप मुख्य सचेतक ने अखरोट का तथा महाधिवक्ता ने बाण का पौधा रोपित किया।कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय के चांसलर डॉ रमेश चौधरी,रजिस्ट्रार आर.एल.शर्मा सहित विश्वविद्यालय के शिक्षक और छात्र भी उपस्थित रहे।

