मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि यदि हाई कोर्ट जाने के बजाय विमल नेगी का परिवार उनसे मिलता और सीबीआई जांच की मांग करता,तो वह खुद ही केस को सीबीआई को दे देते।मुख्यमंत्री दिल्ली से लौटने के बाद राज्य सचिवालय में मीडिया को संबोधित कर रहे थे।मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार भी चाहती है कि विमल नेगी के परिवार को न्याय मिलना चाहिए।उनकी आत्महत्या है या हत्या,अभी कुछ नहीं कह सकते।उनकी धर्मपत्नी जब राज्य सचिवालय में मुझसे मिली थीं, तो सरकार ने डीजीपी को मामले की जांच के लिए कमेटी बनाने को कहा था।पार्थिव शरीर मिलने के बाद ऊर्जा निगम कि बाहर धरने के दौरान भी राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने फोन पर परिवार से बात करवाई थी।परिवार ने उस वक्त देशराज को सस्पेंड करने और मीणा को हटाने की मांग की और यह आदेश परिवार की भावनाओं को समझते हुए सरकार ने दिए,लेकिन इसी बीच भाजपा ने राजनीति करना शुरू कर दी और मुद्दा बनाया।विधानसभा में जब मैंने कहा कि उनके परिवार से बात हुई है और वे जांच से संतुष्ट हैं,तो कोर्ट में कहा गया कि झूठ बोला है,जबकि यह सत्य था।मंत्री जगत सिंह नेगी ने एफआईआर दर्ज होने की बात कही,इसलिए सरकार ने केस दर्ज करके जांच पूरी करने को कहा।मुख्यमंत्री ने कहा कि तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी जब किन्नौर जा रहे थे,तो इन्हें परिवार से मिलने भी भेजा था,लेकिन विमल नेगी की धर्मपत्नी और भाई उस समय घर में नहीं थे।किन्नौर में भाजपा प्रत्याशी रहे सूरत नेगी ने भी राजनीति चमकाने की कोशिश की।मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार अभी भी विमल नेगी के परिवार के साथ है और परिवार की मदद करेंगे।प्रेस वार्ता में मुख्यमंत्री के साथ स्वास्थ्य मंत्रीधनी राम शांडिल,तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी,लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह,पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह के अलावा कई विधायक उपस्थित थे।

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