आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित करने की मांग को लेकर श्रमिक संगठन सीटू के साथ कर्मचारियों ने उपायुक्त कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन किया,शिमला के डीसी ऑफिस के बाहर हुए प्रदर्शन में विजेंद्र मेहरा,रमाकांत मिश्रा,बालक राम,विनोद बिरसांटा,सहित आईजीएमसी,कमला नेहरू,अटल इंस्टीच्यूट चमियाणा,मेंटल रिहैबिलिटेशन सेंटर अस्पतालों,छह सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों,सैहब,विशाल मेगामार्ट,बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन से संबंधित ठेका,कैजुअल व आउटसोर्स कर्मियों सहित होटल,तहबाजारी से जुड़े मजदूरों ने भारी संख्या में भाग लिया।सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा और महासचिव प्रेम गौतम ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों व प्रतिष्ठानों,निजी तथा सरकारी सेवाओं में कार्यरत ठेका,आउटसोर्स,कैजुअल,मल्टीटास्क, मल्टीपर्पज व फिक्स टर्म मजदूरों को आमतौर पर समान और एक जैसा काम करने के बावजूद नियमित मजदूरों से बहुत कम वेतन दिया जाता है,उन्हें कानूनी रूप से मिलने वाली सामाजिक सुरक्षा व आय लाभों से वंचित रखा जाता है।

ठेका,आउटसोर्स,कैजुअल,मल्टीटास्क,मल्टीपर्पज व फिक्स टर्म मजदूरों की भर्ती में एक ओर राजनीतिक नेताओं,सरकारी अधिकारियों व कंपनियों की कमिशनखोरी बढ़ी है,वहीं दूसरी ओर इन कर्मचारियों पर शोषण पर शिकंजा मजबूत हुआ है।इन कर्मचारियों को स्थाई कर्मचारियों के मुकाबले बेहद कम वेतन दिया जा रहा है। कर्मचारियों से आठ के बजाय 12 घंटे कार्य लिया जाता है।इनके लिए ईपीएफ,ईएसआई,ग्रेच्युटी,पेंशन,बोनस व छुट्टियों की सुविधा लागू नहीं की जाती है,इनके लिए मेडिकल सुविधा का कोई प्रावधान नहीं है,इन्हें समय पर वेतन भी नहीं मिलता है,कई बार कई महीनों के बाद यह वेतन मिलता है। इनके लिए ईपीएफ,ईएसआई के दोनों हिस्से भी कई बार ठेका व आउटसोर्स कर्मियों के वेतन से ही काटे जाते हैं।श्रम कानून लागू करने की मांग पर इन्हें अपनी नौकरी तक से हाथ धोना पड़ता है,जस्टिस माधुर की अध्यक्षता में बने 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के मद्देनजर ठेका,आउटसोर्स, कैजुअल,मल्टीटास्क,मल्टीपर्पज व फिक्स टर्म मजदूरों को 26 हजार न्यूनतम वेतन दिया जाए।ठेका आउटसोर्स,कैजुअल,मल्टीटास्क,मल्टीपर्पज व फिक्स टर्म मजदूरों का वेतन हर महीने सात तारीख से पहले सुनिश्चित किया जाए,ठेकेदार बदलने पर ठेका,आउटसोर्स व फिक्स टर्म मजदूरों को न बदला जाए व उनकी सेवाएं निरंतर जारी रखी जाएं,स्थाई अथवा बारहमासी प्रकमति के कार्यों में ठेका,आउटसोर्स,कैजुअल,मल्टीटास्क,मल्टी पर्पज व फिक्स टर्म के बजाए नियमित भर्ती की जाए।

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