
तिब्बती बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा ने कहा कि उन्होंने बौद्ध धर्म,विश्व में पर्यावरण संरक्षण और विश्व शांति के लिए हमेशा काम किया है और आगे भी करते रहेंगे।उन्होंने कहा कि इसके लिए वह खुद पर गर्व महसूस करते हैं।शुक्रवार को दलाईलामा दो दिवसीय लामिन गेगेन टीचिंग मंगोल सुंगछोई आयोजन समिति के अनुरोध पर तुषित लोक के 100 देव विषय पर मुख्य तिब्बती मंदिर मैक्लोडगंज में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।दलाईलामा ने प्रवचन सुनने आए बुद्ध के अनुयायियों को शांति का पाठ पढ़ाते हुए कहा कि हम सब बुद्ध के भक्त हैं और नालंदा की परंपरा को मानने वाले हैं।हिमालयी क्षेत्र की बात करें तो यहां के राजाओं ने भी बौद्ध धर्म के लिए काम किया है और हम लोग भी उनके मार्गदर्शन पर चले हैं और आगे भी चलते रहेंगे।उन्होंने कहा कि हमारी जो परंपरा है वह नालंदा की प्राचीन परंपरा है और विश्व को इससे लाभ हो सके,इसके लिए हमें हर अवसर प्राप्त करना चाहिए।दलाईलामा ने कहा कि उनके संकेत बताते हैं कि वह अभी 100 साल रहेंगे और धर्म के लिए काम करते रहेंगे।दलाईलामा ने कहा कि उन्हें सपनों में एहसास होता है कि वह तिब्बत के सम्राट रहे राजा त्रिसोंग डेट्सन का ही अवतार हैं।उन्होंने कहा कि उन्होंने राजा त्रिसोंग डेट्सन के कार्यों को पूर्ण किया है।दलाईलामा ने कहा कि इस दुनिया में कई बुराइयां हैं,जिन्हें बुद्ध दर्शन से नष्ट किया जा सकता है।

