
स्वर्गीय प्रो.सिम्मी अग्निहोत्री की अधूरी इच्छा को पूरा करते हुए उनकी बेटी डाॅ.आस्था अग्निहोत्री ने माता चिंतपूर्णी मंदिर की अपनी पदयात्रा का संकल्प पूर्ण किया।70 किलोमीटर की यह पदयात्रा तीसरे दिन रविवार को माता चिंतपूर्णी मंदिर में दर्शन और प्रार्थना के साथ संपन्न हुई।इस मौके पर डाॅ.आस्था ने अपनी मां स्वर्गीय प्रो.सिम्मी अग्निहोत्री की आत्मिक शांति और अपने पिता मुकेश अग्निहोत्री के साथ सभी के लिए माता चिंतपूर्णी के आशीर्वाद की प्रार्थना की।

सभी ने सिम्मी अग्निहोत्री के त्याग,समर्पण और उनके नि:स्वार्थ सेवा भाव को स्मरण कर उनकी पुण्य स्मृतियों को नमन किया।प्रो.सिम्मी अग्निहोत्री के नि:स्वार्थ त्याग और जीवन पर्यन्त समर्पण के सम्मान को अर्पित यह आस्थामयी पदयात्रा सभी के लिए हिम्मत और सतत् प्रेरणा का सबब बनी है।आस्था कुंज गौंदपुर जयचंद (हरोली) से शुक्रवार को आरंभ हुई पैदल यात्रा पहले दिन गौंदपुर बूला,भडियारां,दुलैहड़,हीरा नगर,हीरा,हलेड़ा,पूबोवाल,ठाकरां,पालकवाह, भदौड़ी,हरोली,समनाल,रोड़ा,सैंसोवाल,धर्मपुर,कांगड़, बढेड़ा,सलोह,घालूवाल,भदसाली,ईसपुर व पंडोगा होते खड्ड गांव में पहुंची।

वहां रात्रि ठहराव के बाद शनिवार को भदसाली,ईसपुर,पंडोगा,खड्ड,पंजावर,नगनौली,गुगलैहड़, बढेड़ा राजपूतां,जाडला,लौहारली,चुरूडू और अम्ब से होते हुए मुबारिकपुर में रुकी और तीसरे दिन घे दा घट्टा,सिद्ध चलेहड़,किन्नू और भरवाईं होते हुए श्री चिंतपूर्णी जी में संपन्न हुई।इस पदयात्रा में अनेक राजनीतिक,धार्मिक व सामाजिक क्षेत्र की हस्तियां भी शामिल हुईं।

मां को मोक्ष मिले माता रानी से यही प्रार्थना:डाॅ.आस्था।
डाॅ.आस्था अग्निहोत्री ने कहा कि उनकी मां प्रो.सिम्मी की माता चिंतपूर्णी पर अगाध श्रद्धा थी।माता रानी के जगराते से उनकी सभी के लिए श्री चिंतपूर्णी जी का आशीर्वाद लेने की इच्छा थी लेकिन उनकी वह इच्छा अधूरी रह गई।हमने माता रानी के दरबार जाकर माता से अपनी मां के लिए मोक्ष की प्रार्थना की है।इस पूरी पदयात्रा में मेरी मां और माता रानी ही मेरा,मेरे पिता और साथ चले हर सहयोगी का बल और प्रेरणा थी।उन्हीं के आशीर्वाद से हमने यह यात्रा पूर्ण की।

बेटी के जज्बे को सलाम:मुकेश अग्निहोत्री।
डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रो.सिम्मी के लिए बेटी आस्था ने जो संकल्प लिया वह पूरा किया।इस पूरी पदयात्रा में वह जिस हिम्मत से आगे चली हैं,उनके जज्बे को सलाम है।जनता ने जिस कदर प्यार और आशीर्वाद दिया है,हम उसके लिए जीवनभर ऋणी रहेंगे।
