
अपनी नातिन के साथ दुराचार करने के मामले में विशेष न्यायाधीश पॉक्सो/बलात्कार शिमला अमित मंडयाल की अदालत ने आरोपी नाना को दोषी करार देते हुए 20 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई है।विशेष अदालत ने सुभाष चंद को भारतीय दंड संहिता की धारा 376, 506 और पोक्सो अधिनियम की धारा-6 के तहत 20 वर्ष का कठोर कारावास और 25000 रुपए जुर्माना तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 506 के तहत 6 माह का कठोर कारावास व 1000 रुपए जुर्माने की सजा भी सुनाई गई।इसके साथ ही पीड़ित को 2 लाख रुपए का मुआवजा भी जारी किया गया।सरकार की ओर से मामले की पैरवी उपजिला न्यायवादी संगीता जस्टा ने की।उन्होंने बताया कि 3 दिसम्बर,2021 को जब पीड़िता स्कूल जा रही थी तो रिश्ते में पीड़िता के नाना आरोपी सुभाष ने उसके साथ जंगल में दुराचार किया तथा किसी को बताने पर मार डालने की धमकी दी।इस घटना के 9 दिनों बाद 12 दिसम्बर,2021 को फिर से आरोपी ने करीब 8 बजे शाम को अपने घर में जबरदस्ती खींच कर पीड़िता के साथ दो बार दुराचार किया।जब पीड़िता को माता चैकअप करवाने के लिए अस्पताल ले गई तो मालूम हुआ कि वह 6 माह की गर्भवती है।इन तथ्यों के आधार पर पुलिस थाना चिड़गांव में आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।जांच पूरी होने पर मामले का चालान अदालत में पेश किया गया।अदालत में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने इस मामले को साबित करने के लिए 17 गवाहों की जांच की और मुकद्दमे के समापन पर दलीलें सुनी गईं तथा विशेष न्यायाधीश शिमला की अदालत ने आरोपी को उपरोक्त कथित अपराध के लिए दोषी ठहराया।
