
BJP प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने कहा की अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स)बिलासपुर में हाल ही में नैदानिक प्रतिरक्षा एवं रिउम्याटोलोजी विभाग स्थापित किया गया है।एम्स प्रदेश का पहला संस्थान बन गया है जिसमें यह विभाग मौजूद है।स्वास्थ्य मंत्रालय एवं व्यय विभाग के अनुमोदन से नए विभाग की स्थापना की गई है सुपरस्पेशियलिटी में नियोनेटोलॉजी और एंडोक्रिनोलॉजी के दो नए डीएम कोर्स शुरू किये गए हैं।साथ ही,एमडी और एमएस के भी कई कोर्सेज शुरू हुए हैं।एम्स,बिलासपुर में ये सारे काम महज एक साल के अंदर हुए हैं।इस एक साल में एम्स ने कई सेवाएं ऐेसे लोगों को दीं जिनके लिए उन्हें बाहरी राज्यों का रुख करना पड़ता था।उन्होंने कहा की भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने एम्स,बिलासपुर को इस सफलता के लिए हार्दिक बधाई प्रेषित की है और कहा है कि एम्स,बिलासपुर की पूरी टीम एवं फैकल्टी ने इतने कम समय में शानदार काम करके दिखाया है।एम्स,बिलासपुर हिमाचल प्रदेश के लाखों लोगों के लिए वरदान साबित हो रहा है। एम्स,बिलासपुर का साकार होना बिना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन के संभव नहीं था।नड्डा हमेशा हब सब से बातचीत में कहते हैं कि यह मोदी की गारंटी है कि रिकॉर्ड समय में एम्स,बिलासपुर इस मुकाम तक पहुंचा है।हिमाचल प्रदेश के विकास के लिए,यहाँ के लोगों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कटिबद्ध हैं।एम्स,बिलासपुर को यहाँ तक पहुंचाने में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा का विशेष योगदान रहा है।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में बिलासपुर में एम्स का मार्ग प्रशस्त किया था।एम्स बिलासपुर नड्डा के दिल के काफी करीब रहा है।वे जब भी हिमाचल आते हैं,एम्स का निरीक्षण जरूर करते हैं।2019 में भाजपा की सरकार बनने के बाद जब उन्हें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की जिम्मेवारी मिली,तब भी वे एम्स,बिलासपुर के निर्माण कार्य की प्रगति की नियमित रूप से समीक्षा करते रहे।उन्होंने हर बार अधिकारियों और एम्स के निर्माण में लगी कंपनियों से कहा था कि संस्थान की गुणवत्ता और संकाय की क्षमता के साथ कोई भी समझौता नहीं होना चाहिए।एक समय ऐसा था,जब दिल्ली एम्स को बनने में 22 साल का समय लगा था,लेकिन बिलासपुर में केवल 5 साल में ही एम्स बनकर तैयार हो गया।वो भी तब,जब कोरोना के कारण लगभग दो साल तक इसका निर्माण कार्य बाधित हुआ।जब भी एम्स, बिलासपुर के लिए किसी भी तरह की जरूरत हुई,उसे पूरा करने के लिए नड्डा ने दिन-रात एक कर दिया।एम्स,बिलासपुर में किसी भी तरह की कोई कमी नहीं रखी गई है।यदि कोई काम केंद्र सरकार द्वारा करने का है,तो उसे भी तुरंत प्रभाव से किया जा रहा है।मुझे विश्वास है कि मरीज जिस भरोसे के साथ इस स्वास्थ्य संस्थान में उपचार के लिए आते हैं,उस पर खरा उतरने में यह संस्थान कोई कोर-कसर बाकी नहीं रखेगा।एम्स बिलासपुर में अभी तक 21 ओपीडी चल रही हैं।एम्स बिलासपुर में स्पेशियलिटी और सुपर स्पेशियलिटी विभागों ने एक साल में लगभग 1.85 लाख परामर्श,17 हजार रोगियों को आईपीडी और 11 हजार रोगियों को आपातकालीन सेवाएं दी हैं।विभागों ने लगभग 1300 बड़ी सर्जरी,600 छोटी सर्जरी और 2500 डे केयर सेवाएं दीं हैं।अस्पताल में 6.27 लाख से अधिक परीक्षण किए गए हैं।लगभग 45 हजार रोगियों को अत्याधुनिक उपकरणों यानी एमआरआई,सीटी स्कैन,अल्ट्रासाउंड,कलर डॉपलर,एक्स-रे के माध्यम से रेडियोलॉजिकल सेवाओं का भी लाभ मिला है।ज्ञात हो कि हिमाचल प्रदेश के लोगों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2017 में एम्स,बिलासपुर की आधारशिला रखी थी और पांच साल बाद 05 अक्टूबर 2023 को 1470 करोड़ रुपये की लागत से बने इस संस्थान को हिमाचल प्रदेश एवं को राष्ट्र के लिए समर्पित भी किया था।
