भाई-बहन के अटूट प्रेम का पर्व भाईदूज बुधवार को धूमधाम से मनाया गया।भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर बहनों ने उनकी दीर्घ आयु की कामना की।भाइयों ने भी आजीवन बहन की रक्षा का वचन दिया।रक्षाबंधन की तरह भाईदूज के त्यौहार का इंतजार बहनों को ही नहीं,बल्कि भाइयों को भी रहता है।राजधानी शिमला सहित पुरे प्रदेश में यह त्यौहार हर्षोल्लास से मनाया गया।

धार्मिक मान्यता है कि इस दिन यमराज अपनी बहन यमुना के घर गए।यमुना ने उनका आदर-सत्कार कर पूजा की और भोजन करवाया।इससे प्रसन्न यमराज से यमुना ने वरदान मांगा कि इस दिन जो भी भाई अपनी बहन के घर जाकर भोजन करेगा,उसकी दीर्घायु हो और बहन के घर हमेशा सुख-संपत्ति हो।तब से यह पर्व भाई-बहन के प्रगाढ़ प्रेम के नाम पर मनाया जाता है।इस दिन पवित्र नदी में स्नान और पूजा-अर्चना करने का भी विधान है।यम द्वितीया पर चित्रगुप्त की भी पूजा की जाती है।मान्यता है कि चित्रगुप्त यमलोक में धर्म-अधर्म,पुण्य-पाप का लेखा-जोखा करते हैं।उन्हें यमराज का वरदान था कि यम द्वितीया के दिन जो व्यक्ति चित्रगुप्त की पूजा करेगा,उसे स्वर्गलोक की प्राप्ति होगी।

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