राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने राजभवन में राज्य में मानसून से हुई जानमाल की क्षति,निगरानी एवं राहत उपाय एवं बहाली के प्रयासों को लेकर हिमाचल प्रदेश आपदा प्रबंधन के कार्यों की समीक्षा की।इस अवसर पर,प्रधान सचिव, राजस्व आंेकार शर्मा ने राज्यपाल को प्रस्तुति के माध्यम से पूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाई।उन्होंने बताया कि बाढ़ एवं प्राकृतिक आपदा में फंसे सभी लोगोें को सुरक्षित निकाल दिया गया है और उन्हें सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा रहा है।उन्होंने कहा कि तीन दिनों में भारी बारिश के बावजूद आपदा प्रबंधन को युद्ध स्तर पर कार्यान्वित किया गया तथा प्रदेश सरकार की सक्रियता से यह कार्य पूर्ण कर लिया गया। उन्होंने बताया कि दिन-रात चले इस अभियान में चंद्र ताल,सांगला,गिरि,मणिमहेश,कसोल,मनाली इत्यादि स्थानों पर फंसे लोगों को निकाला जा चुका है।उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की निगरानी में भारतीय वायुसेना के हैलीकाप्टर, एन.डी.आर.एफ,प्रशासन की मदद से यह कार्य पूर्ण किया गया।उन्होंने बताया कि राज्य आपदा प्रबंधन ने इसके लिए व्यापक तैयारियां की थीं तथा मॉक ड्रिल,मॉनसून से संबंधित तैयारियां,बांध प्राधिकरण के साथ बैठकें,आपातकाली संचार व्यवस्था को लेकर मॉक अभ्यास किए गए थे।इस अवसर पर,डी.सी. राणा,निदेशक, आपदा प्रबंधन ने इस दौरान प्रदेश मेें बारिश के स्तर,स्टेट एमेरजेंसी आपरेशन केंद्र द्वारा उपलब्ध हैल्पलाईन नम्बर,वैदर एलर्ट,बचाव अभियान से संबंधित विस्तृत जानकारी दी।राज्यपाल ने आपदा प्रबंधन की तैयारियों तथा उनके द्वारा सफलतापूर्वक चलाए गए अभियान पर संतोष व्यक्त किया तथा सभी प्रभावित परिवारों तथा अन्य प्रभावित लोगोें को राहत एवं पुनर्वास सुनिश्चित बनाने के निर्देश दिए।राज्यपाल के सचिव राजेश शर्मा,शिमला के मण्डलायुक्त संदीप कदम,जिनके पास राज्यपाल के सचिव का अतिरिक्त कार्यभार भी दिया गया है तथा अन्य अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
