
CM सुखविंदर सिंह ने कहा है कि एनपीए लेने वाले डाॅक्टरों को हड़ताल पर जाने की आवश्यकता नहीं है।उन्होंने कहा कि जिन डाॅक्टरों को नौकरी नहीं मिली है,उनका एनपीए विद्ड्रा हुआ है लेकिन इसको बंद नहीं किया गया है। सीएम ने कहा कि बेरोजगार डैंटल डाॅक्टरों का प्रतिनिधिमंडल जब उनसे मिलने आया था तो उन्होंने एनपीए की जगह सरकारी क्षेत्र में नौकरी देने की मांग की थी।उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में 3000 डाॅक्टर बेरोजगार हैं,जिसे देखते हुए मंत्रिमंडल ने 38 डाॅक्टरों के पदों को भरने की स्वीकृति प्रदान की है।इन पदों को करीब 2 से 3 वर्ष के अंतराल के बाद भरा जा रहा है।उन्होंने कहा कि जब डाॅक्टरों की भर्ती होगी तो उसके बाद इस विषय पर पुनर्विचार किया जा सकता है।मुख्यमंत्री ने कहा कि डाॅक्टरों को विरोध करने के बजाय पहले की तरह सहज तरीके से काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि डाॅक्टरों की पैन डाऊन स्ट्राइक का कोई औचित्य नहीं है और उनको इस विषय में बातचीत करनी चाहिए।उन्होंने कहा कि सरकार उनके पक्ष को सहानुभूतिपूर्वक सुनेगी।
