बेटा ही पिता की चिता को मुखाग्नि देता है,यह बात अब गुजरे जमाने की हो चुकी है।मंडी में पांच बेटियों ने बेटे का फर्ज निभाते हुए पिता का अंतिम संस्कार किया।बेटियां पिता की अंतिम यात्रा में श्मशानघाट तक साथ गईं और अर्थी को कंधा दिया।यहां रीति रिवाज के साथ पिता की चिता को मुखाग्नि दी।
