राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने राजभवन में शिमला के विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थियों,शिक्षकों व अभिभावकों की उपस्थिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरक पुस्तक ‘एग्जाम वॉरियर्स’ का विमोचन किया।

इस अवसर पर,छात्रों ने प्रधानमंत्री के नई दिल्ली से प्रसारित ‘परीक्षा पे चर्चा’ के छठे संस्करण को सुनकर प्रेरणा ली।इस साल 38 लाख से अधिक छात्रों ने इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए रजिस्ट्रेशन किया,जो पिछले साल से दोगुने से भी अधिक हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘परीक्षा पे चर्चा’ संवाद प्रयोजन से इसे लिखा था।इसका 11 भाषाओं में अनुवाद किया गया है।

इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि यह पुस्तक विद्यार्थियों के साथ-साथ शिक्षकों और अभिभावकों के लिए भी महत्वपूर्ण पुस्तक है।उन्होंने कहा कि श्री मोदी ने मूलतःपरीक्षा के दौरान बच्चों में होने वाले तनाव के संदर्भ में इस पुस्तक का लेखन किया है, जिसमें जीवन प्रबन्धन पर भी विशिष्ट जानकारियां उपलब्ध करवाई गई है।उन्होंने कहा कि पुस्तक में विद्यार्थियों की सहायता के लिए योग के कई आसनों के साथ ही परीक्षा को उत्सव,उमंग और उल्लास से देने,परीक्षा पर हंसते हुए जाने और मुस्कराते हुए आने,वर्तमान में रहने,खेलों से जीवन संवारने आदि विषयों पर भी महत्वपूर्ण सूत्र दिए गए हैं।पुस्तक में शिक्षकों को पत्र लिखने के साथ ही ज्ञान को स्थायी सम्पदा बताते हुए जीवन भर सीखने का आह्वान किया गया है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को उन महान हस्तियों के बारे में पढ़ना चाहिए,जिन्होंने देश के निर्माण और पोषण में योगदान दिया है।

चर्चा के दौरान राज्यपाल ने बच्चों को पाठ्य पुस्तकों के अलावा अन्य ज्ञानवर्द्धक पुस्तकें पढ़ने का आह्वान किया।उन्होंने कहा कि पुस्तकें हमारी सच्ची मित्र व मार्गदर्शक होती हैं।पुस्तकें ही जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती हैं।बच्चों के साथ अपने अनुभव सांझा करते हुए श्री आर्लेकर ने कहा,‘‘वह राज्य के विभिन्न स्कूलों में जाकर विद्यार्थियों से संवाद करते हैं। लेकिन,उन्हें यह अनुभव हुआ है कि छात्र पाठ्य पुस्तकों के अतिरिक्त अन्य पुस्तकों को पढ़ने पर कम ही ध्यान देते हैं।अभिभावकों तथा शिक्षकों को भी चाहिए कि वे बच्चों को ज्ञानवर्धक पुस्तकें उपलब्ध करवाएं ताकि उनमें पढ़ने का शौक पैदा हो सके।’’

राज्यपाल ने कहा कि हर वर्ष आयोजित होने वाले वार्षिक कार्यक्रम ‘परीक्षा पे चर्चा’ के माध्यम से प्रधानमंत्री देश भर के छात्रों,शिक्षकों और अभिभावकों के साथ बातचीत करते हैं।यह एक आंदोलन है जिसमें छात्रों,अभिभावकों और शिक्षकों को साथ लाकर उन्हें प्रोत्साहित करने व अभिव्यक्ति की अनुमति प्रदान करता है।उन्होंने कहा कि इस पुस्तक में दिए गए 34 मंत्र जीवन में आत्मसात कर परीक्षा को उत्सव की तरह लेने के लिए प्रेरित करते हैं।उन्होंने कहा कि यह पुस्तक परीक्षा से पूर्व तनावमुक्त रहने के लिए प्रेरित करेगी और इससे छात्रों तथा अभिभावकों के बीच संवाद बढ़ेगा।
विद्यार्थियों से संवाद में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पोर्टमोर,छोटा शिमला और ब्योलिया स्कूल के छात्रों,अभिवकों और शिक्षकों ने अपने अनुभव सांझा किए।
राज्यपाल के सचिव राजेश शर्मा ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किए।

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