भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने कहा कि सच में सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने हिमाचल प्रदेश में व्यवस्था परिवर्तन कर ही दी है।व्यवस्था परिवर्तन का भाग 1 की जय राम ठाकुर सरकार जब सत्ता में थी तब नवंबर 2021 में डीजल को सस्ता किया पर इन्होंने डीजल को महंगा करने का कार्य किया।
व्यवस्था परिवर्तन का भाग 2 जयराम ठाकुर सरकार ने अपने कार्यक्रम में एक भी सीपीएस नहीं बनाया पर इन्होंने सीपीएस बनाकर हिमाचल प्रदेश पर आर्थिक बोझ डाल दिया।
व्यवस्था परिवर्तन का भाग 3 शिमला संसदीय क्षेत्र से पांच मंत्री और सीपीएस को अपनी सरकार में जगह देना,क्षेत्रीय संतुलन को पूरी तरह बिगाड़ देना।
पहले मंत्रियों को बनाने में मुश्किल,अब उनके विभागों को तय करने में आ रही है कठिनाई।
व्यवस्था परिवर्तन का भाग 4,पहले प्रदेश में 619 कार्यालय बंद हुए और उसके बाद 2 बड़ी सीमेंट फैक्ट्रियां बंद हुई।भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सुखविंदर सिंह सुक्खू ने व्यवस्था परिवर्तन का नया दौर शुरू किया है,हाल ही में हिमाचल प्रदेश में वैट बढ़ाकर डीजल को ₹3.01 तक महंगा किया जिससे उन्होंने सीधा-सीधा प्रदेश में महंगाई को न्योता दिया है,अगर हिमाचल प्रदेश में ₹1 डीजल बढ़ता है तो 10 टायर ट्रक का माल भाड़ा 50 पैसे बढ़ता है और इसी प्रकार 6 टायर ट्रक का माल भाड़ा 30 पैसे बढ़ता है।
मोदी सरकार ने सेंट्रल एक्साइज छोड़ डीजल में दो बार कटौती की थी एक नवंबर 2021 और दूसरा मई 2022 में।नवंबर 2021 में जय ठाकुर सरकार ने भी डीजल के ऊपर वैट को कम कर डीजल को ₹17 सस्ता किया था।उन्होंने कहा कि जयराम सरकार ने एक भी सीपीएस नहीं बनाया पर सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने 6 सीपीएस की नियुक्ति की इससे हिमाचल प्रदेश पर आर्थिक बोझ बढ़ा है।क्षेत्रीय एवं जातीय संतुलन को बढ़ाने में इस सरकार ने अग्रिम भूमिका निभाई है, शिमला संसदीय क्षेत्र को पांच मंत्री और तीन सीपीएस दिए गए पर अगर देखा जाए तो बड़े-बड़े जिले जैसे कांगड़ा,मंडी,उना,हमीरपुर, बिलासपुर को छोड़ दिया गया है।यह नियुक्तियां अपने आप में ही विडंबना है। उन्होंने कहा कि अभी तक प्रदेश सरकार से ऐसा कोई भी काम नहीं हो पाया है जिससे सीमेंट फैक्ट्री विवाद सुलझता दिखाई से रहा है।सीमेंट फैक्ट्रियों के बंद होने से 30000 परिवारों की रोजी-रोटी पर संकट है और प्रदेश के राजस्व को प्रतिमाह दोनों फैक्ट्री से मिलाकर लगभग 118 करोड़ का घाटा हो रहा है।14 दिसंबर 2022 रात को यह सीमेंट फैक्ट्रियां बंद हो गई थी उसके बाद 16,17 21 और 23 दिसंबर को बैठक हुई पर अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल पाया।
