हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने हिमाचल प्रदेश के युवा साहित्यकार हेम राज चैहान की पुस्तक ‘ सच जो कड़वा है’ का विवोचन राजभवन में किया ।इस पुस्तक में देश,प्रदेश और शहरों तक की बुनियादी समस्याओं पर तीखे आलेख हैं,जो लेखक के अनुसंधान के बाद परिश्किृत होकर पुस्तक में आलेखित हुए हैं,इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि लेखक युवा भी है,और लेखनी से प्रभावित करने की क्षमता भी रखते हैं,उनके लेख समसामयिक हैं और कुछ आलेख तो समाज की कुरीतियों और ढकोसलों पर सीधा प्रहार है,उन्होंने लेखक की इस दूसरी प्रकाशित पुस्तक के लिए शुभकामनाएं भी प्रदान की,लेखक की यह दूसरी पुस्तक है और इससे पूर्व कविताओं पर आधारित पुस्तक ‘ मुझे बंद आंखों से देखो’ प्रकाशित हो चुकी है,इस पुस्तक की प्रूफिंग और टिप्पणीकार माधुरी गेरा हैं जो कि शिक्षा विभाग में बतौर बीईईओ सेवारत हैं । इस अवसर पर लेखक के साथ साहित्यकार और स्तंभकार एस.पी शर्मा समाजसेविका आषिमा वर्मा, और समाजसेवक प्रमोद भी उपस्थि रहे ।लेखक हेम राज चैहान ने बताया कि इस पुस्तक में 50 आलेख हैं जो विभिन्न विषयों को समाहित करते हैं,ऐसे विषय जो हैं तो हमारे आसपास ही लेकिन उस पर बेबाकी से लिखना-बोलना कोई नहीं चाहता है । पहाड़ों का सीना चीर कर बन रहे फोरलेन हो या शिमला में जलसंकट से लेकर बंदरों की समस्या और कंकरीट में तब्दील होता जंगल…..सभी कुछ ताक पर हैं, देश में धार्मिक आडंबर हो या महिलाओं का उत्पीड़न या फिर युवाआंे का नशे की गिरफ्त में बंधे चले जाना,सभी कुछ इन आलेखों में अनुसंधान उपरांत परिश्कृत रुप मिलेगा,सच को कहना मुश्किल तो है पर यदि उसे कह दिया जाए तो आरंभ में कड़वाहट लगती है,बाद में वही कड़वाहट मिठास में बदल जाती है, देश में बढ़ रहे वृद्धाश्रम कहीं न कहीं बदलती संस्कारहीन पीढ़ी के लिए सबक है,उन्होंने बताया कि यह पुस्तक आॅनलाईन और आॅफलाइन उपलब्ध है,राज्यपाल ने इस पुस्तक और इसके लेखक को शुभकामनाऐं दी और उम्मीद जताई कि यह पुस्तक पाठकों को जरूर पसंद आएगी।

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