प्रदेश कांग्रेस प्रचार समिति के अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू के बाद विधायक विक्रमादित्य सिंह रविवार को अनशन कर रहे एनपीएस कर्मचारियों के साथ धरने पर बैठे।वह कुछ समय तक अनशन स्थल पर रहे और कर्मचारियों की समस्याओं को जाना। इस दौरान उन्होंने प्रदेश सरकार पर कर्मचारियों के प्रति उदासीन रवैया अपनाने का आरोप लगाया,कहा कि यदि सरकार फिजूलखर्ची कम करे तो कर्मचारियों को पैंशन दी जा सकती है।उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार न तो कर्मचारियों की बात सुन रही है और सुनी हुई बातों को भी अनसुना कर रही है,जोकि दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि एनपीएस कर्मचारियों ने कई बार मुख्यमंत्री से गुहार लगाई लेकिन उन्होंने इससे संबंधित विधानसभा के अंदर व बाहर कोई बात नहीं की। कांग्रेस ने बिना राजनीतिक भेदभाव के फैसला लिया है कि सरकार बनने पर पुरानी पैंशन बहाल की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार भ्रम फैला रही है कि पुरानी पैंशन से आर्थिक बोझ पड़ेगा लेकिन यदि सीएम व सरकार फिजूलखर्ची कम करे तो कर्मचारियों को आसानी से पैंशन दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि पैंशन देेने से हिमाचल पर 650 करोड़ रुपए का वित्तीय बोझ पड़ेगा,जिसे आसानी से अदा किया जा सकता है।

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