जिला स्तरीय तकनीकी समिति की बैठक आयोजित।

जिला स्तरीय तकनीकी समिति की बैठक उपायुक्त अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में आयोजित की गई।इस बैठक में वित्तीय वर्ष 2025-26 के कृषि,उद्यान,मत्स्य पालन और पशुपालन विभागों में विभिन्न योजनाओं के तहत दी जाने वाली वित्तीय सहायता पर विस्तृत चर्चा की गई।इसके साथ ही वित्तीय पैमाने को भी मंजूरी दी गई।अनुपम कश्यप ने कहा कि जिला में किसानों की आय में वृद्धि करने की दिशा में वित्तीय सहायता अहम योगदान देती है।ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए बैंक अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।उन्होंने कहा कि किसानों को वित्तीय सहायता मिलने से काफी सहयोग मिलता है।उन्होंने कहा कि जिला में आलू का उत्पादन बढ़ाने के लिए केंद्रीय आलू अनुसंधान शिमला के साथ आगामी सप्ताह में बैठक की जाएगी ताकि आलू से जुड़े उत्पादों को बढ़ावा भी मिल सके।उन्होंने कहा कि जिला में सरकार की ओर से किसानों को बेहतर सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही हैं और किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।जिला में प्राकृतिक खेती के उत्पादों को बेहतर बाजार मुहैया करवाया जा रहा है।कृषि विभाग में आलू,बंद गोभी,हरे मटर,पत्ता गोभी,शिमला मिर्च, गेहूं,धान,मक्की,टमाटर,जौ,दालें,तेल के बीज,अदरक और लहुसन पर वित्तीय सहायता बैंकों के माध्यम से दी जाती है।वहीं उद्यान विभाग के तहत सेब,स्टोन फ्रूट, किवी,चेरी,आम,नाशपति,अनार और जापानी फल के उत्पादन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।मत्सय विभाग में मछली उत्पादन से जुड़े विभिन्न कार्यों के लिए बैंक वित्तीय सहायता मुहैया करवाते है।इसके अलावा पशु पालन विभाग द्वारा गाय के रख-रखाव हेतु विभिन्न कार्यों पर तथा भेड़,बकरी,चूजों, सुअर पालन,घोड़ा पालन आदि पर वित्तीय सहायता दी जाती है।बैठक में हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक शिमला के जिला प्रबंधक संजय शर्मा सहित विभिन्न विभागों और बैंकों के गणमान्य मौजूद रहे।
