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पशुओं में रैबीज़ निदान के लिए ब्रेन सैंपल संग्रहण पर हैंड्स-ऑन प्रशिक्षण का आयोजन राज्य पशु चिकित्सालय,शिमला में किया गया।इस अवसर पर पशुपालन विभाग,हिमाचल प्रदेश के निदेशक डॉ.संजीव धीमान मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।इस प्रशिक्षण में हिमाचल प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए 10 से अधिक पशु चिकित्सकों ने सक्रिय भाग लिया,कार्यक्रम का समन्वय डॉ.अनिल कुमार शर्मा,जिला नोडल अधिकारी (रैबीज़ सर्विलांस)शिमला द्वारा किया गया तथा तकनीकी सत्रों के लिए डॉ.अनुज बाली संसाधन व्यक्ति रहे।उप निदेशक,एनिमल हेल्थ/ब्रीडिंग,शिमला-5 भी इस अवसर पर उपस्थित रहे और उन्होंने कहा कि “शिमला इस प्रकार की पहल से पूरे प्रदेश और देश के लिए एक मिसाल कायम कर रहा है।

सभा को संबोधित करते हुए डॉ.संजीव धीमान ने कहा कि इस प्रकार के व्यावहारिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन राज्य स्तरीय प्रशिक्षण केंद्रों और प्रयोगशालाओं में नियमित रूप से होना चाहिए ताकि मैदान स्तर पर क्षमता निर्माण को बढ़ावा मिल सके।उन्होंने चल रहे ‘रैबीज़ मुक्त शिमला’ सामूहिक कुत्ता टीकाकरण अभियान की भी सराहना की,जो कि ह्यूमेन पीपल एनजीओ (रामपुर)मिशन रैबीज़ इंडिया,नगर निगम शिमला तथा अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा डॉ.अनिल कुमार शर्मा के समन्वय में संचालित किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि इस मॉडल को शीघ्र ही पूरे हिमाचल प्रदेश में लागू किया जा सकता है।इस अवसर पर डॉ.अनिल कुमार शर्मा ने कहा कि रैबीज़ के निदान एवं नियंत्रण में पशु चिकित्सकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।उन्होंने यह भी जोड़ा कि रैबीज़ एक गंभीर जनस्वास्थ्य संबंधी रोग है और इसे समाप्त करने के लिए हमें सामूहिक एवं निरंतर प्रयास करने होंगे।

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