
मंडी/आरोप:हिमाचल प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राकेश जमवाल ने प्रदेश सरकार के राजस्व मंत्री जगत नेगी की कार्यशैली और सोच पर तीखा हमला बोला है।उन्होंने कहा कि जब प्रदेश के सिराज,करसोग और नाचन जैसे क्षेत्र भीषण आपदा से जूझ रहे हैं,गांवों का नामोनिशान मिट चुका है,तब प्रदेश का राजस्व मंत्री अपनी मूल जिम्मेदारी छोड़कर टीवी और मंचों से सेना और केंद्र सरकार के खिलाफ जहर उगलने में जुटा है।राकेश जमवाल ने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि मंत्री महोदय ने न तो आपदा प्रभावित क्षेत्रों का गंभीरता से दौरा किया,न ही अब तक पुनर्वास के लिए कोई ठोस नीति या कार्य योजना प्रस्तुत की है।जबकि राजस्व मंत्री का पहला कर्तव्य होता है कि वह आपदा प्रभावित लोगों के राहत,पुनर्वास और पुनर्निर्माण की ज़िम्मेदारी निभाए।लेकिन मंत्री को इन पीड़ितों के जीवन और दर्द से ज़्यादा दिलचस्पी राजनीतिक बयानबाज़ी और उकसावे की राजनीति में है।राकेश जमवाल ने कहा कि जगत नेगी वही मंत्री हैं,जिन्होंने कुछ दिनों पहले भारतीय सेना के “ऑपरेशन सिन्दूर”को लेकर ऐसा बयान दिया था,जो सीधे-सीधे पाकिस्तान के नैरेटिव से मेल खाता था।उन्होंने कहा था कि मोदी सरकार जनता को गुमराह कर रही है,पाकिस्तान ने भारत की सीमाएं तोड़ दीं और हमारे जहाज गिरा दिए,यह बयान सेना के पराक्रम पर हमला है।यह किसी मंत्री का नहीं,बल्कि दुश्मन देश के एजेंडे को दोहराने वाले व्यक्ति का वक्तव्य लगता है।उन्होंने कहा कि जिन्हें अपने ही क्षेत्र के एक ईमानदार अधिकारी विमल नेगी की संदिग्ध मौत पर संवेदना जताने की फुर्सत नहीं मिली,वे मंत्री पद पर बने रहने के लायक नहीं हैं।विमल नेगी की रहस्यमयी मौत को लेकर खुद मृतक की पत्नी यह आरोप लगा चुकी हैं कि सरकार की भूमिका संदिग्ध है और मंत्री आज तक वहां शोक प्रकट करने तक नहीं गए।राकेश जमवाल ने यह भी कहा कि जब सिराज में आपदा आई,तो मंत्री ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर पर अभद्र टिप्पणी कर दी,उन्हें मुख्यमंत्री के साथ दिल्ली जाने से तकलीफ हो गई और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर का निजी हित बता दिया।मीडिया के पूछे जाने पर जब जयराम ठाकुर ने केवल इतना कहा कि “जगत नेगी जैसे लोगों के ब्यानों पर कुछ नही कहना चाहता,तो मंत्री ने किन्नौर में उनका पुतला दहन करवाकर उसे क्षेत्रीय रंग देने की कोशिश की यह दर्शाता है कि वह प्रदेश की पीड़ा को भी राजनीति का हथियार बना रहे हैं।उन्होंने कहा कि अगर मंत्री जी को थोड़ी भी जिम्मेदारी का एहसास होता,तो वह आज आपदा क्षेत्र में होते यह सुनिश्चित कर रहे होते कि जिनके घर मिट्टी में दब गए,उनके लिए छत कैसे बनेगी,बच्चों की पढ़ाई कैसे शुरू होगी,रोज़गार कैसे मिलेगा।राकेश जमवाल ने अंत में कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को चाहिए कि वह जगत नेगी को या तो उनकी भूमिका याद दिलाएं या बर्खास्त करें।हिमाचल की जनता सब देख रही है।जिनके पास दुःख की घड़ी में साथ देने का समय नहीं,उनके बड़े-बड़े राष्ट्रहित के भाषण खोखले हैं।
