हिमाचल सरकार से मांग गऊ को ‘राजमाता’ करें घोषित
शिमला। गौ संरक्षण को लेकर राष्ट्रव्यापी अभियान चला रहे ज्योतिष पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज के मीडिया प्रभारी शैलेंद्र योगिराज सरकार ने केंद्र गो माता को ‘राष्ट्रमाता’ का दर्जा देने की मांग की है। उन्होंने हिमाचल प्रदेश सरकार से भी अपील की कि महाराष्ट्र की तर्ज पर हिमाचल में गऊ माता को राजमाता घोषित किया जाए।
शैलेंद्र योगिराज सरकार ने वीरवार को शिमला में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में यह बात कही। प्रेस कांफ्रेंस से पहले उन्होंने ‘गौ ध्वज परिक्रमा और निरीक्षण यात्रा’ कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में गौ पूजन, गौ आरती तथा गौ भक्तों का समागम हुआ। इस मौके पर शंकराचार्य जी के स्थानीय शिष्य एवं बड़ी संख्या में गौ भक्त उपस्थित रहे।
उधर, प्रेस कांफ्रेंस में शैलेंद्र योगिराज सरकार ने कहा कि गऊ माता को पशु की श्रेणी से बाहर निकालकर माता का दर्जा दिया जाए। उन्होंने कहा कि “यह समय की मांग है कि गौ माता को राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में स्वीकारा जाए। इससे न केवल गोवंश की रक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि गौरक्षा को एक नई दिशा मिलेगी। उन्होंने बताया कि बीते वर्ष शंकराचार्य जी के नेतृत्व में हर राज्य मुख्यालय में गौ ध्वज स्थापित कर राष्ट्रव्यापी जागरूकता अभियान शुरू किया गया था। इसका सकारात्मक प्रभाव यह रहा कि महाराष्ट्र सरकार ने गौ माता को ‘राजमाता’ का दर्जा देकर उसे विधिक मान्यता भी प्रदान की।
शैलेंद्र योगिराज सरकार ने कहा कि जगद्गुरु शंकराचार्य का उद्देश्य केवल गौ रक्षा नहीं, बल्कि गौ माता को भारत की सांस्कृतिक अस्मिता के केंद्र में लाना है। उन्होंने बताया कि केंद्र स्तर पर कानून बनाने के लिए देशभर में गऊ भक्तों को जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गौ माता को राष्ट्रमाता घोषित करना बहुत आवश्यक है और इसके लिए केंद्र सरकार से ठोस कदम उठाना चाहिए।
