कहा मुख्यमंत्री सुक्खू नहीं सरकार को आला अधिकारी चला रहे।

हिमाचल प्रदेश भाजपा के प्रदेश मीडिया सह-प्रभारी व पूर्व मुख्यमंत्री के मीडिया काॅआर्डिनेटर रहे एडवोकेट विश्व चक्षु ने कहा कि धर्मशाला के पूर्व एसडीएम संजीव कुमार भोट द्वारा दिए गए इस ब्यान को लेकर कि “मुझे दूसरा नेगी नहीं बनना है” को लेकर प्रदेश सरकार पर कड़ा प्रहार किया है।उन्होंने कहा कि बिमल नेगी की मौत में यह बात सामने आई है कि वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा उनका मानसिक उत्पीड़न किया गया,जिसके कारण उनकी मौत हो गई।भाजपा लगातार इस मामले में सीबीआई की जांच की मांग करती आ रही है,परंतु प्रदेश की सुक्खू सरकार इस मामले में पर्दा डालने में लगी हुई है।विश्व चक्षु ने कहा कि अब पूर्व एसडीएम संजीव भोट द्वारा दिए गए ब्यानों से स्पष्ट हो गया है प्रदेश सरकार को मुख्यमंत्री सुक्खू नहीं सरकार के आला अधिकारी चला रहे हैं।इन अधिकारियों पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। सरकार के वरिष्ट अधिकारी निचले तबके के अधिकारियों को मानसिक दबाव में कार्य करने को मजबूर कर रहे हैं।बार-बार तबादला कर उनका उत्पीड़न किया जा रहा है।यह कारण है कि धर्मशाला के पूर्व एसडीएम संजीव भोट को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने पर मजबूर होना पड़ा है।उन्होंने साफ शब्दों में सरकार को यह भी संदेश दिया है कि उन्हें दूसरा बिमल नेगी नहीं बनना है।विश्व चक्षु ने कहा कि पूर्व एसडीएम संजीव भोट के ब्यानों के बाद न तो मुख्य सचिव और न ही सरकार के किसी मंत्री का ब्यान सामना आ पाया है,जबकि खुद मुख्यमंत्री भी अपनी आंखे व कानों को बंद किए हुए हैं।
उन्होंने कहा कि सीएम सुक्खू सरकार को चलाने में पूरी तरह से असफल हुए है।जो मुख्यमंत्री वरिष्ठ अधिकारियों पर नियंत्रण नहीं रख पा रहा हो वह अन्य व्यवस्थाओं पर क्या नियंत्रण रख पाएगा।उन्होंने कहा कि सुक्खू सरकार की व्यवस्थाओं के कारण प्रदेश में डर का माहौल पैदा हो चुका है।जनता परेशान है तो कर्मचारी व अधिकारी को समय से पहले नौकरी छोड़ने को मजबूर होना पड़ रहा है।उन्होंने कहा कि सुक्खू सरकार को प्रदेश की जनता,बेरोजगारों, कर्मचारियों से कोई लेना देना नहीं है।सत्ता सुख में मदहोश सुक्खू सरकार अपनों को खुश करने में लगी हुई हैं।उन्होंने कहा कि लगभग तीन सालों के दौरान सुक्खू सरकार की नीतियों के कारण प्रदेश बर्बादी की दहलीज़ पर खड़ा हो गया है।विकास के मामले में प्रदेश 15 वर्ष पीछे खिसक चुका है।

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