पहलगाम की वारदात अब तक नागरिकों के ऊपर आतंकियों का सबसे बड़ा हमला है।सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक आतंकियों का यह वही समूह है जो डोडा-किश्तवाड़ क्षेत्र में सक्रिय था।इसमें स्थानीय मददगारों के भी शामिल होने का शक है।आतंकी वारदात की जांच राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआईए) करेगी।तीन जुलाई से शुरू होने जा रही श्री अमरनाथ यात्रा से पहले मंगलवार को आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर में वर्ष 2019 के पुलवामा हमले के बाद सबसे बड़ी वारदात को अंजाम दिया।सेना की वर्दी में आए दहशतगर्दों ने दक्षिण कश्मीर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पहलगाम की बायसरन घाटी में पर्यटकों से पहले उनका धर्म पूछा,परिचय पत्र देखे फिर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं।सूत्रों के अनुसार इसमें 26 लोगों की मौत हो गई,जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे,26 मृतकों में दो विदेशी और दो स्थानीय शामिल हैं।हमले में कम से कम 20 लोग घायल हुए हैं।

आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गृह मंत्री अमित शाह से फोन पर बात की।गृह मंत्री ने सुरक्षा एजेंसियों के साथ तत्काल आपात बैठक बुलाई।शाह सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने श्रीनगर के लिए रवाना हो गए।अधिकारियों और प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हथियारबंद आतंकवादी दोपहर करीब 3 बजे घास के मैदान में घुस आए।घने देवदार के जंगलों और पहाड़ों से घिरा यह विस्तृत घास का मैदान है और देश और दुनिया भर से आने वाले पर्यटकों के बीच पसंदीदा है।इसे ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ कहा जाता है।बताया जा रहा है कि आतंकियों ने खाने-पीने की दुकानों के आसपास घूम रहे,पिकनिक मना रहे पर्यटकों पर गोलीबारी शुरू कर दी।वहीं कुछ पर्यटकों का कहना है कि आतंकियों ने लोगों से उनका धर्म पूछा,परिचय पत्र देखे फिर उनको अलग कर गोलियां बरसाने लगे।

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