राजधानी शिमला में बीते 12 अप्रैल को पुलिस कर्मी और कार चालक हाईकोर्ट के अधिवक्ता के बीच में हुई मारपीट के मामले में गुस्साए वकीलों ने सोमवार को छोटा शिमला पुलिस थाना का घेराव किया,एसएसपी द्वारा पुलिस कांस्टेबल को सस्पैंड करने और 7 दिनों के भीतर जांच पूरी करने तथा एएसपी रैंक के अधिकारी द्वारा मामले की जांच करने के मिले आश्वासनों के बाद अधिवक्ताओं ने प्रदर्शन खत्म किया।हाईकोर्ट के वकीलों ने इस मामले को लेकर सोमवार सुबह पहले आम सभा का आयोजन किया और बैठक में लिए गए निर्णयानुसार पुलिस थाना का घेराव किया और पुलिस कर्मी के निलंबन और मामले की कार्रवाई करने को लेकर अपनी कार्रवाई आगे बढ़ाई।

एडवोकेट ने हाईकोर्ट से छोटा शिमला थाना तक आक्रोश रैली निकाली।इस पर अधिवक्ताओं ने पुलिस थाना छोटा शिमला के बाहर एकत्रित होकर यहां घेरा डाला,जिससे यहां यातायात भी अवरूद्ध हो गया और स्थिति को स्वयं एसएसपी शिमला संजीव गांधी को संभालना पड़ा।छोटा शिमला में लगभग अढ़ाई घंटे तक अधिवक्ताओं ने धरना दिया और एसएसपी के आश्वासन के बाद धरना समाप्त किया।वकीलों के धरने को देखते हुए मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया।इस दौरान एडवोकेट ने बीच सड़क पर बैठकर धरना दिया।इससे यातायात व्यवस्था भी पटरी से उतर गई और आमजन इससे परेशान हो गया।

हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष पीयूष वर्मा ने कहा कि जनरल हाऊस में लिए गए निर्णय के अनुसार वकीलों ने आगामी कार्रवाई की और छोटा शिमला पुलिस थाना के घेराव के दौरान एसएसपी ने जब उन्हें आश्वस्त किया तो उन्होंने धरना समाप्त किया।उन्होंने कहा कि एसएसपी द्वारा दिए गए आश्वासन के बाद इस पर तुरंत अमल करें और इसकी सूचना अधिवक्ताओं को दें।

एसएसपी शिमला संजीव गांधी ने कहा कि पुलिस जवान को सस्पैंड कर दिया गया है।अब एएसपी स्तर का अधिकारी विभागीय जांच करेगा और मामले की जांच 7 दिनों के भीतर होगी।जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद आगामी कार्रवाई की जाएगी।

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