मुख्यमंत्री इतने निष्ठुर और संवेदनहीन हो गए हैं कि उन्हें जनता के दुःख दर्द न तो दिखाई दे रहे हैं और न सड़कों पर चिल्ला रही जनता को सुन पा रहे हैं।राज्य सचिवालय के बाहर दृष्टि दिव्यांग नौकरी की मांग पर कई दिनों से सड़क पर बैठे हैं और पुलिस उनके ऊपर लाठियां भांज रही है। वोकेशनल टीचर कई दिनों से चौड़ा मैदान में अपनी मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं,मुख्यमंत्री को अपने आंगन में बैठे शत प्रतिशत दिव्यांग साथियों की पीड़ा सुनने का भी समय नहीं है।उलटा उनके इशारे पर पुलिस उन्हें सड़क से हटाने के लिए बल प्रयोग करती है और इस धक्कामुक्की में एक दिव्यांग गहरी खाई में गिर जाता है।मुख्यमंत्री उसका कुशलक्षेम पूछना तो दूर उन्हें आसपास भी नहीं जाना पसंद कर रहे हैं।ऐसा ही राज्य सचिवालय गेट पर अपनी फरियाद लेकर आए युवाओं के साथ हुआ।जहां मुख्यमंत्री ने अपने मुंह के सामने खड़े इन युवाओं की बात नहीं सुनी तो नाराज युवक ने मुख्यमंत्री को जो कहा पूरे देश न सुना और देखा।ऐसा तानाशाही व्यवहार सही नहीं है।यह बात नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने जिला चम्बा के डल्हौजी विधानसभा क्षेत्र के तेलका में आयोजित सक्रिय सदस्य सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही।उन्होंने कहा कि ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि मैडीकल कॉलेज चम्बा में हिमकेयर कार्ड न चलने के कारण एक मजबूर बेटे को अपनी मां की पित्त की पथरी के ऑप्रेशन के लिए सोने की बालियां दुकानदार के पास गिरवी रखने को विवश होना पड़ा।अगर ये कार्ड चलता तो शायद ऐसी नौबत न आती,लेकिन दुर्भाग्य से सरकार ने इस योजना को भी एक तरह से बंद कर दिया है और बजट अस्पतालों को नहीं दिया जा रहा है।इस प्रकार की व्यवस्था के लिए अब कौन दोषी है ये सरकार बताएं?क्या ऐसे लोगों के लिए मुफ्त इलाज की सुविधा नहीं होनी चाहिए थी।आज ऐसी स्थिति देख बहुत दुःख हो रहा है।मेरा मन पीड़ा से भरा है।ऐसे हालत आज से पहले कभी नहीं देखे और न सुनें।मुख्यमंत्री को अपने इस प्रकार के रूखे व्यवहार को बदलना होगा और अपने पद के अनुरूप काम करना होगा।आज जहां बिना पर्ची के पैसे दिए लोगों को सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज मिलता है वहां कांग्रेस सरकार लोगों से पर्ची के भी दस रुपए वसूलने जा रही है।सरकार को लोगों की पीड़ा से कोई सरोकार नहीं है।आरोप लगाया कि इनके मित्र दोनों हाथों से सरकारी खजाना लूटने में लगे हुए हैं।मुख्यमंत्री का इनको पूरा संरक्षण प्राप्त है।ये सरकार आज जनता को ज्यादा से ज्यादा टैक्स का बोझ डालने से ही खुश है।इनको आज जनता के दुःख दर्द से ज्यादा अपनी तिजोरियों को भरने की चिंता है।

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