
हिमाचल प्रदेश पैंशनर्ज वैल्फेयर एसोसिएशन के पांच पदाधिकारियों को प्राथमिक सदस्यता से 6 वर्ष के लिए निष्कासित किए जाने के ऐलान के बाद शिमला शहरी इकाई ने संगठन के प्रदेशाध्यक्ष आत्मा राम शर्मा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।इसी कड़ी में वीरवार को शिमला शहरी इकाई के प्रधान मदन लाल शर्मा ने पत्रकार वार्ता कर एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष पर तीखा जुबानी हमला बोला।उन्होंने कहा कि आत्मा राम शर्मा शायद भूल गए हैं कि बीते वर्ष 27 नवम्बर को शहरी इकाई के चुनाव उन्हीं की अध्यक्षता में हुए थे और मदन शर्मा व उनकी कार्यकारिणी भारी बहुमत से चुनी गई जबकि प्रदेशाध्यक्ष जो जिला शिमला शहरी के अध्यक्ष भी थे,रण छोड़ कर चले गए थे।उन्होंने कहा कि आत्मा राम शर्मा का बतौर एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष पद पर 3 वर्ष का कार्यकाल बीते 27 मार्च को पूरा हो चुका है और अब वह महज जब तक चुनावी प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती,तब तक के लिए केयर टेकर प्रधान है।मदन लाल शर्मा ने कहा कि एसोसिएशन के संविधान के अनुसार राज्य कार्यकारिणी के जनरल हाऊस की सहमति से ही कार्यकारिणी का कार्यकाल 3 माह तक बढ़ाया जा सकता लेकिन ये प्रक्रिया कार्यकारिणी का कार्यकाल पूरा होने से पहले अमल में लानी होती है जबकि ऐसा हुआ नहीं।ऐसे में अब संविधान के अनुसार केयर टेकर प्रधान को ऐसा कोई अधिकार नहीं है कि वह एसोसिएशन के किसी भी आजीवन सदस्य को 6 वर्ष के लिए निष्कासित कर सकें।मदन शर्मा ने कहा कि हालांकि ब्लॉक अथवा शहरी इकाई के ऐसे पैंशनर्ज जो पैंशनर्ज के हक की लड़ाई लड़ रहे हैं और उस लड़ाई में यदि कोई बाधा उत्पन्न करें तो संबंधित यूनिट उसको प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर सकती है।ऐसे में इस संदर्भ में शिमला शहरी इकाई जल्द जनरल हाऊस बुलाकर राज्य प्रधान की प्राथमिक सदस्यता को खत्म कर सकती है।उन्होंने कहा कि बीते दिन पत्रकार वार्ता में किए गए गलत उल्लेख और पदाधिकारियों के निष्कासन को लेकर आत्मा राम शर्मा ने जो बात कही है,उसके लिए वह लिखित में क्षमा मांगें अन्यथा परिणाम भुगतान के लिए लिए तैयार रहें।मदन शर्मा ने कहा कि एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष आत्मा राम शर्मा अपने 3 वर्ष के कार्यकाल में पैंशनर्ज की मांगों को मनवाने के लिए सरकार के साथ बैठक करने में पूरी तरह से असफल रहे।पैंशनर्ज की लाखों रुपए की देनदारियां देय हैं,लेकिन प्रभावी ढंग से सरकार के समक्ष मामला नहीं उठाया।इसी तरह मेडिकल बिलों का भुगतान भी बीते 2 वर्ष से लंबित है।मदन शर्मा ने कहा कि जब शिमला शहरी इकाई का उनके नेतृत्व में गठन हुआ तो उसके बाद पूर्व कोषाध्यक्ष ने लेखा जोखा और रिकाॅर्ड मांगा,लेकिन अभी तक कैश बुक सहित अन्य दस्तावेज नहीं दिए गए हैं।उन्होंने कहा कि पूर्व शहरी इकाई अध्यक्ष आत्मा राम शर्मा से भी आग्रह किया कि कैश व अन्य रिकाॅर्ड दिया जाए लेकिन 5 माह बाद भी ऐसा नहीं हुआ है।ऐसे में यदि हिसाब-किताब नहीं दिया जाता तो आगामी जनरल हाऊस में लीगल नोटिस जारी कर एक सप्ताह का समय दिया जाएगा।यदि उसके बाद भी हिसाब-किताब नहीं दिया जाता तो आत्मा राम शर्मा और पूर्व कोषाध्यक्ष के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी।
