उज़बेकिस्तान के समरकंद स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी में भारतीय मूल के मेडिकल छात्रों को किया संबोधित।

पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2030 तक दुनिया को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा है,लेकिन भारत ने इसके लिए वर्ष 2025 तक का लक्ष्य रखा है।उन्होंने कहा कि बीते 11 वर्ष में भारत विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सेवाओं का हब बना है।अनुराग ठाकुर उज्बेकिस्तान प्रवास के दौरान समरकंद स्टेट मैडीकल यूनीवर्सिटी में भारतीय मूल के मैडीकल छात्रों को संबोधित कर रहे थे।उन्होंने कहा कि वर्ष 2013-14 में भारत सरकार का स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए बजट 37,000 करोड़ रुपए था,जो वर्ष 2025-26 में बढ़कर 1.37 लाख करोड़ रुपए हो गया है।देश में रिकॉर्ड 780 मैडीकल कॉलेज,23 एम्स और 1.15 लाख एमबीबीएस की सीटें स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को एक नया आयाम दे रही हैं।

देशवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना (पीएम-जेवाई) की शुरूआत की गई।यह योजना देश के गरीब एवं वंचितों के लिए वरदान साबित हो रही है।इस राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजना से देश के गरीब और कमजोर वर्ग के करीब 50 करोड़ लोगों को प्राइवेट अस्पतालों में इलाज की सुविधा मिल रही है।योजना के अंतर्गत अब तक 8 करोड़ से अधिक लोग मुफ्त इलाज का लाभ उठा चुके हैं।पूरे भारत में 15,000 से अधिक जन औषधि केंद्रों के साथ यह पहल 50-90 फीसदी कम कीमतों पर आवश्यक दवाइयां उपलब्ध करवाती है,जिससे यह सुनिश्चित होता है कि कोई भी व्यक्ति उचित स्वास्थ्य देखभाल से वंचित न रहे।उन्होंने कहा कि उज्बेकिस्तान के पड़ोस में यूक्रेन में युद्ध के समय भारत सरकार ने अपने छात्रों को सुरक्षित निकालने का काम किया था।इसी तरह कोरोना महामारी से निपटने के लिए मैडीकल उपकरण से लेकर दवाइयां,वैंटीलेटर और वैक्सीन को उपलब्ध करवाया था।

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