
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने शिमला के ऐतिहासिक गेयटी थियेटर में मातृवन्दना पत्रिका के विशेषांक एवं दिनदर्शिका का विमोचन किया।इस अवसर पर उन्होंने कहा कि समाज में सकारात्मक परिवर्तन विचारधारा के प्रवास से ही संभव है।उन्होंने बल दिया कि राष्ट्र तभी शाश्वत बनता है,जब नागरिक अपनी संस्कृति को अपनाते हैं और यही राष्ट्र का स्वाभिमान भी है।राज्यपाल ने कहा कि पत्र-पत्रिकाओं का महत्व न केवल सूचनाप्रद लेखों के माध्यम से पाठकों का ज्ञानवर्धन करना है,बल्कि समृद्ध संस्कृति और गौरवशाली इतिहास से भावी पीढ़ी को अवगत कराकर उनमें राष्ट्रीयता की भावना को प्रबल करना भी है।उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि मातृवन्दना पत्रिका यह कार्य सफलतापूर्वक कर रही है।

उन्होंने बताया कि पत्रिका का यह विशेषांक “पंच परिवर्तन’ से राष्ट्रीय पुनरुत्थान को समर्पित है,जिसमें सामाजिक समरसता,कुटुंब प्रबोधन,पर्यावरण संरक्षण,स्व का बोध तथा नागरिक कर्तव्य शामिल हैं।राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्र तभी सशक्त और समृद्ध बन सकता है जब समाज के प्रत्येक वर्ग की समान भागीदारी हो और नागरिक अपने कर्तव्यों के प्रति सजग हों।उन्होंने विश्वास जताया कि मातृवन्दना पत्रिका का यह विशेषांक हिमाचल प्रदेश के कोने-कोने में पंच परिवर्तन का संदेश पहुंचाने में सफल होगा।राज्यपाल ने नशामुक्त हिमाचल अभियान में सहयोग देने की भी अपील की।

इस अवसर पर मुख्य वक्ता वीरेन्द्र सेपेइया ने संगठनात्मक रूपरेखा और देशभक्ति के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की।मातृवन्दना के संपादक डॉ.दयानंद शर्मा ने विशेषांक की विस्तृत जानकारी दी,जबकि संस्थान के अध्यक्ष अजय कुमार सूद ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।सांसद प्रो.सिकंदर कुमार तथा सुरेश कश्यप,विधायक बलबीर वर्मा,समाजसेवी राजकुमार वर्मा सहित विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी व अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
