
भाजपा के पूर्व मंत्री एवं विधायक सुखराम चौधरी ने कहा कि घड़ियाल आंसू कौन बहाता है,वह पूरे प्रदेश ने पिछले साल 28 फरवरी को ही देख लिया था।प्रदेश में जब जयराम ठाकुर मुख्यमंत्री बने थे उसके पहले कांग्रेस की सरकार थी और आज विक्रमादित्य मंत्री हैं इसलिए वह अपने डिपार्टमेंट से पता करके बताएं कि जब कांग्रेस सरकार सत्ता से बाहर हुई थी तो उस समय लोक निर्माण विभाग के ऊपर रामपुर की कितनी देनदारी थी।कांग्रेस सत्ता से बेदखल होते वक्त रोहड़ू,करसोग,आनी,किन्नौर और सराज की कितनी देनदारी लोक निर्माण विभाग छोड़कर गई थी।क्या सरकार ने सभी का पूरा भुगतान करके भाजपा को सत्ता सौंपी थी?चौधरी ने कहा कि जब लोक निर्माण विभाग के काम मंत्री अपने हाथों से नहीं करते हैं।सारे काम ठेकेदारों के जरिए ही होते हैं तो भुगतान भी ठेकेदारों को ही सरकार को करना होगा।ठेकेदार भी काम खुद नहीं करते हैं वह दूसरे लोगों से काम करवाते हैं,एक बहुत बड़ा इको सिस्टम इससे जुड़ा होता है।जिससे लोगों को रोजगार मिलता है प्रदेश का विकास होता है,ठेकेदारों को भुगतान न मिलने से वह नीचे काम करने वाले लोगों को भी भुगतान नहीं कर पाते हैं इससे पूरे प्रदेश में लाखों लोगों को फर्क पड़ता है।हजार करोड़ से ज्यादा के बकाया में से 80 करोड रुपए देने की बात को कांग्रेस ऐसे प्रचारित रही है जैसे सारा भुगतान कर रही है।कुल बकाया धनराशि का यह दस परसेंट भी नहीं है।पूर्व भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर सवाल उठाने से पहले एक बार विक्रमादित्य सिंह को अपने गिरेबान में झांक लेना चाहिए।क्या भारतीय जनता पार्टी की सरकार के समय में ऐसी स्थिति थी?क्या ठेकेदारों के हजारों करोड़ों रुपए का भुगतान पेंडिंग था? ठेकेदारों ने इस तरीके से काम करने को लेकर मना किया था?प्रदेश के ठेकेदारों ने भुगतान को लंबे समय से रोकने के आरोप लगाए थे?इन सभी बातों का एक जवाब है कि हरगिज़ नहीं ऐसा इसलिए हुआ था क्योंकि उसमें सारी चीज नियम अनुसार हो रही थी।ठेकेदारों को निर्धारित समय पर उनकी समस्त देनदारी का भुगतान हो रहा था।अपनी सरकार की नाकामी मंत्री महोदय भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर थोपना चाहते हैं तो यह हरगिज नहीं हो पाएगा।विक्रमादित्य सिंह इन सभी सवालों के सही-सही जवाब प्रदेश के लोगों के सामने रखें जिससे यह स्थिति साफ हो जाए कि जब कांग्रेस सरकार सत्ता से बेदखल हुई थी तो उस समय कितने ठेकेदारों का भुगतान लंबित था।
