हिमाचल प्रदेश में किसी भी लोक सेवक की गिरफ्तारी से पहले पुलिस को सरकार से अनुमति लेना अनिवार्य होगी। सरकार की अनुमति के बिना लोक सेवकों की गिरफ्तारी नहीं हो पाएगी,साथ ही एनजीओ ग्रेड-2 रैंक तक के पुलिस कर्मियों का राज्य काडर भी होगा।पुलिस कर्मियों की भर्ती के लिए बोर्ड का गठन भी किया जाएगा।विधानसभा में पुलिस संशोधन विधेयक 2024 के पारित होने के बाद इसके राजपत्र में प्रकाशित होने के बाद ऐसा संभव होगा।मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की तरफ से पेश किए गए इससे संबंधित पुलिस भर्ती विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।विधेयक पर हुई चर्चा का उत्तर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार इस कानून को लेकर एसओपी जारी करेगी।उन्होंने कहा कि संशोधन से सरकार का भारतीय न्याय संहिता(बीएनएस) में अतिक्रमण की कोई मंशा नहीं है। उन्होंने कहा कि विजिलैंस व पुलिस कर्मी रिश्वतखोरी जैसे मामलों में पहले की तरह कार्रवाई करते रहेंगे।उन्होंने कहा कि विपक्ष विधेयक को लेकर बेवजह काल्पनिक चिंताएं जता रहा है।इससे पहले विधेयक पर हुए चर्चा में भाजपा के रणधीर शर्मा और त्रिलोक जम्वाल ने इस संशोधन पर आपत्ति जताते हुए इसे केंद्रीय कानून का अतिक्रमण बताया। उन्होंने अंदेशा जताया कि इस संशोधन के बाद सरकार लोक सेवकों से गलत काम शुरू करवाएगी।त्रिलोक जम्वाल ने इसे बीएनएस की धारा-35 में अतिक्रमण बताते हुए इस संशोधन को वापस लेने की मांग की।इसके अलावा एनजीओ ग्रेड-2 पुलिसकर्मियों की भर्ती के लिए पुलिस भर्ती बोर्ड का भी गठन किया जाएगा।इसी के जरिये पुलिस की भर्ती होगी।

पंचायती राज संशोधन विधेयक भी पारित।
विधानसभा में ग्रामीण विकास व पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह की तरफ से प्रस्तुत किए हिमाचल प्रदेश पंचायती राज संशोधन विधेयक 2024 को पारित कर दिया गया।इस संशोधन विधेयक के पारित होने से जिला जनजातीय एवं दुर्गम क्षेत्रों में जिला परिषद वार्डों का पुनर्गठन किया जा सकेगा।भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने इस पर हुई चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि वार्ड की संख्या का किसी स्तर पर निर्धारण किया जाना चाहिए।इस पर अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि भौगोलिक स्थिति को देखकर इसका निर्धारण किया जाएगा।

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