बांग्लादेश में हिंदुओं एवं अल्पसंख्यकों के उत्पीडऩ व नरसंहार के विरोध में शिमला के सीटीओ पर विशाल जनसभा का आयोजन किया गया।इस धरने में सभी सामाजिक संगठनों ने बढ़ चढक़र भाग लिया।डिफेंडर्स ऑफ ह्यूमन राइट्स के प्रदेश संयोजक अजय श्रीवास्तव ने बताया कि बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ पांच अगस्त के बाद से लगातार अत्याचार हो रहा है,वहां पर कई हिंदुओं की हत्याएं कर दी हैं।कई हिंदू मंदिर नष्ट कर दिए,हिंदू नेता हिंदू पुजारी को गिरफ्तार कर लिया और जिस बांग्लादेश को बनाने में पूरे भारत के हिंदू समाज ने और सरकार ने एक महत्त्वपूर्ण योगदान 1971 में दिया था वहां का हिंदू समाज भी बांग्लादेश निर्माण में मुक्ति वाहिनी और शेख मुजीबुर रहमान के साथ था।आज उसको अत्याचार का शिकार बनाया जा रहा है।बांग्लादेश में इस्कॉन के ऊपर अत्याचार हो रहा है,इन सबका मास्टर माइंड एक ही शख्स है।इस मुद्दे को लेकर हम पूरे दुनिया में आवाज उठा रहे हैं।

प्रोटेस्ट में विभिन्न धार्मिक और सामाजिक संस्थाएं शामिल हुई,उन्होंने कहा की हमारी मांग है कि बांग्लादेश सरकार होश में आए,हिंदुओं के साथ अत्याचार बंद हो और नोबल पुरस्कार समिति जिसने 2006 में मोहम्मद यूनुस को शांति का नोबल पुरस्कार दिया है,वो इस लायक नहीं है जो हिंसा,हत्या,बलात्कार और जिहादी इस्लाम को फैलाने का दोषी है।यूनुस के ऊपर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में केस चलाया जाना चाहिए और 2006 में इसको जो नोबल पीस प्राइज दिया गया है यह नोबल पुरस्कार समिति और विश्व मानवता पर एक कलंक है,ऐसे में तुरंत इसके ऊपर पुनर्विचार करे इसको वापस ले।

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