17 से 2 अक्टूबर तक ‘‘स्वभाव स्वच्छता,संस्कार स्वच्छता’’ की थीम के साथ मनाया जा रहा पखवाड़ा।

स्वच्छता को लेकर महिला पंचायत प्रतिनिधियों और स्वयं सहायता समूह की ‘दीदियों’ के कार्य और उत्साह अन्यों के लिए प्रेरणादायक है।ये महिलाएं कूड़े-कचरे को लेकर खाद बनाने,बावड़ियों,चश्मों और नालों की साफ-सफाई के साथ गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक करने का काम कर रही हैं।इनके उत्साह को देखकर राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल काफी प्रभावित हुए और उनकी जमकर प्रशंसा की।स्वच्छता ही सेवा’अभियान के तहत ये महिलाएं शिमला जिले के ठियोग उपमण्डल के तहत बणी,मकडोल,चियोग,देहना और श्तयाण पंचायतों से फागू में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने आई थी।कार्यक्रम में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे।उन्होंने कहा कि स्वच्छता ही सेवा अभियान 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक ‘‘स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता’’की थीम के साथ मनाया जा रहा है,जिसका समापन दो अक्टूबर को स्वच्छ भारत दिवस समारोह के साथ किया जाएगा।उन्होंने कहा कि यह थीम दैनिक जीवन और संस्कृति के हिस्से को दर्शाती है।राज्यपाल ने कहा कि व्यक्तिगत स्वच्छता से लेकर स्वच्छ सार्वजनिक स्थानों तक एक जन आंदोलन के रूप में शुरू हुआ यह अभियान अब वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ा आंदोलन बन गया है।

उन्होंने कहा कि आम लोगों के सहयोग से इस दिशा में कार्य किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन की यह 10वीं वर्षगांठ है और ऐसे समय में सामूहिक प्रयासों से नए मील पत्थर हासिल करने की प्रतिबद्धता को दोहराना महत्वपूर्ण है।शुक्ल ने कहा,‘यह अभियान स्वच्छता लक्षित इकाई के परिवर्तन पर केंद्रित है,जिसमें सामान्य सफाई अभियान,स्वच्छता में जन भागीदारी और सफाई मित्र सुरक्षा शिविर आयोजित करना शामिल है।इसमें स्वास्थ्य जांच और उन्हें भारत सरकार की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत लाना भी शामिल है।यह अभियान पिछले दशक की उपलब्धियों का जश्न मनाने का एक माध्यम है,साथ ही यह स्वच्छ भारत के प्रति प्रतिबद्धता को भी दोहराएगा।राज्यपाल ने कहा कि स्वच्छता रखेंगे तो जीवन में परिवर्तन आएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने जब 2014 में स्वच्छता की बात कही तो इस स्तर तक इसकी सफलता के बारे में कोई सोच नहीं सकता था,लेकिन,उनके आह्वान से बच्चे प्रेरित हुए और इसे महाअभियान बना दिया,उन्होंने स्वयं सहायता समूह की ‘दीदियों’ तथा पंचायत प्रतिनिधियों से कहा कि वे सरकारी योजनाओं का लाभ लें।राज्यपाल ने इस अवसर पर नशे के खिलाफ अभियान में सहयोग की अपील भी की। उन्होंने कहा कि जो काम पंचायत प्रतिनिधि और महिलाएं कर सकती हैं वह प्रशासन भी नहीं कर सकता,उन्होंने कहा कि अपने बच्चों को नशे से बचाना है तो महिलाएं आगे आएं तभी देवभूमि को नशे से मुक्त किया जा सकता है।

इस अवसर पर,राज्यपाल ने स्वच्छता शपथ भी दिलाई।बाद में,राज्यपाल ने स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से आयोजित स्वास्थ्य शिविर का उद्घाटन किया,उन्होंने देवदार का पौधा रोपित कर वन विभाग के सहयोग से आयोजित पौधारोपण अभियान का शुभारम्भ भी किया।इससे पूर्व,उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप ने राज्यपाल का स्वागत किया और जिले में स्वयं सहायता समूह के माध्यम से किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी।उन्होंने कहा कि प्रशासन के प्रोत्साहन से ये समूह स्थानीय स्तर पर विशेष प्रकार के पत्तों से पत्तल तैयार कर रहे हैं जिन्हें मंदिरों में भोज के दौरान उपयोग में लाया जा रहा है।उन्होंने कहा कि अभी इन्हें माता तारा देवी मंदिर में भोज के लिए उपयोग में लाया गया है और जल्द ही अन्य मंदिरों में इन्हें शामिल किया जाएगा,इससे कई स्वयं सहायता समूहों की आय हो रही है।उन्होंने कहा कि ऐसे और प्रोत्साहन शामिल हैं जिससे लोगों के आय के साधन बढ़ें हैं।चर्चा के दौरान महिला प्रधानों व स्वयं सहायता समूह की ‘दीदियों’ ने उनके द्वारा किए जा रहे विभिन्न कार्यों से राज्यपाल को अवगत करवाया।राज्यपाल के सचिव सी.पी. वर्मा,पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी,जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
