एपीजी शिमला विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ अलाइड और हेल्थ केअर साइंसेज विभाग और मैक्स हॉस्पिटल मोहाली चंडीगढ के संयुक्त तत्त्वाधान में शुक्रवार को विश्वविद्यालय सभागार में एक दिवसीय ह्रदय स्वास्थ्य जागरूकता विषय पर कार्यशाला आयोजित की गई।इस स्वास्थ्य कार्यशाला में मैक्स हॉस्पिटल मोहाली की ओर से देश के प्रसिद्ध ह्रदय रोगों के विशेषज्ञ डॉ.दीपक पूरी और उनके सहयोगी चिकित्सकों ने इस कार्यशाला में शिरकत कर बढ़ते ह्रदय रोग और युवा अवस्था में ह्रदय रोग से हो रही मौतों,ह्रदय रोगों के कारण और बढ़ता मानसिक तनाव और ह्रदय रोग से कैसे बचें जैसे विषयों पर प्रकाश डाला।इसके पहले एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के चांसलर इंजीनियर सुमन विक्रांत,प्रो-चांसलर प्रो.डॉ.रमेश चौहान और वाईस-चांसलर प्रो. डॉ.आर.एस. चौहान ने हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ.दीपक पूरी को हिमाचली टोपी-शॉल प्रतिक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।इस कार्यशाला में एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के सभी विभागों व संकायों के विद्यार्थियों और शिक्षकों ने भाग किया।

कार्डियो वैस्कुलर सर्जन डॉ.दीपक पूरी शिमला से संबंधित हैं और उन्हें ‘प्राइड ऑफ नेशन’ जैसे अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है और देश-विदेशों में ह्रदय रोगों से संबंधित कई स्वास्थ्य कार्यशालाओं में ह्रदय रोग से बचने के लिए लोगों को जागरूक कर रहे हैं।उन्हें यह अवार्ड हृदय रोगों के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया गया।डॉ.पुरी जो कार्डियोमोर्सन के ग्लोबल चेयरमैन भी हैं,जो कार्डियोवैस्कुलर और संबंधित विशेषज्ञों का वैश्विक समूह है जो व्यापक हृदय देखभाल के लिए एकीकृत दृष्टिकोण को बढ़ावा देता है।डॉ.दीपक पूरी ने कहा कि हृदय रोग से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करने की जरूरत है।जागरूकता से हम हृदय संबंधित बीमारी को रोक सकते हैं।डॉ.दीपक पूरी ने कहा कि हृदय संबंधी मरीज यदि जागरूक रहें और समय पर इलाज करा लें तो बीमारी को रोका जा सकता है।डॉ.पूरी ने कहा कि गर्भ में पलने वाले बच्चों में हृदय संबंधित बीमारी हो सकती है,इसमें कुछ जेनेटिक भी हो सकता है,जबकि कुछ ऐसे मामले में गर्भ में पलने वाले बच्चों को हृदय की बीमारी इस कारण भी होती है,कि उनकी माताएं अनचाही दवा या अल्कोहल ले रही हों।डॉ.पूरी ने कहा कि बचपन से ही खासकर भारत में चिकित्सा शिक्षा पढ़ाई नहीं जाती,हमें यह पता होना चाहिए कि हम बीमार क्यों हैं,बीमारी का कारण क्या है,उससे कैसे बचा जा सकता है।उन्होंने कहा कि भारत में दस करोड़ के आस-पास ह्रदय रोगी हैं और हर साल लाखों में ह्रदय रोग से मौत हो रही है।डॉ.पूरी ने कहा कि विदेशों की तुलना में भारत में ह्रदय रोगी अधिक हैं।हमारा रहन-सहन,खाना-पीना और बदलता कार्य-पद्द्ति व जीवन-स्टाइल सहीं नहीं होने के कारण हर उम्र का व्यक्ति ह्रदय रोगी हो सकता है और ह्रदय रोग से शरीर की दूसरी बीमारियाँ पनप जाती हैं।डॉ.पूरी ने कहा कि बदलते लाइफ स्टाइल की बजह से व्यक्ति मानसिक तनाव का शिकार होकर ह्रदय रोगी हो जाता है और आज के दौर में स्ट्रेस मैनेजमेंट यानी तनाव-प्रबंधन या फिर तनाव से मुक्ति के लिए व्यक्तियों को स्वास्थ्यपूर्ण प्रबंधन अपनाने चाहिए।

डॉ.पूरी ने यह भी कहा कि ह्रदय रोग सिर्फ धूम्रपान,मादक पदार्थों की नशाखोरी,प्रदूषण,शराब पीना ही नहीं है बल्कि कोविड संक्रमण की समाप्ति के बाद भी लोगों के स्वास्थ्य में इस संक्रमण का ह्रदय रोग या फिर कोई अन्य बीमारी होने में दिख रही है और युवावस्था में मौतें हो रही हैं।डॉ.पूरी ने कहा कि हर वजन,हर उम्र और आकार के व्यक्ति को ह्रदय रोग हो सकता है।उन्होंने कहा कि अनावश्यक तेल,चिकनाई व फास्ट फूड का सेवन बन्द कर दें तो हमें ह्रदय रोग की बीमारियों से कुछ हद तक मुक्ति मिल सकती है।डॉ.पूरी ने कहा कि बढ़ते ह्रदय रोगों को देखते हुए हालांकि लोग स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हो रहे हैं लेकिन समय पर अपना मेडिकल चेक करवाने में देरी करते हैं या फिर उन्हें अपने रोग के बारे में बहुत देरी से पता चलता है जब अटैक हो जाता है। उन्होंने कहा कि अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए डॉक्टर से अपने स्वास्थ्य को लेकर सवाल पूछने की आदत डालनी चाहिए और रोजाना शारिरिक कसरत होना जरूरी है और सेहतमंद आहार के साथ खुशहाल जीवन को चुनें ताकि कोई बीमारी के लक्षण दिखाई दे तो समय रहते बीमारी होने से रोकथाम हो सके,कार्यशाला के दूसरे सत्र के दौरान विद्यार्थियों और शिक्षक वर्ग ने ह्रदय रोगों के मुख्य कारण और निवारण पर डॉ.दीपक पूरी से प्रश्न-उत्तर परिचर्चा में ह्रदय रोगों और मानसिक तनाव से बचने के लिए कई स्वास्थ्यपूर्ण टिप्स लिए और रोग से संबंधित शंकाओं को दूर किया।कार्यशाला के अंत में डॉ.दीपक पूरी ने अपनी डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म रखिए दिल का ख्याल दिल से यह संदेश दिया कि लोग अपने स्वास्थ्य खासकर ह्रदय और मानसिक स्वास्थ्य को हमेशा बेहतर बनाए रखें और सुखी जीवन जिएं। इस मौके पर एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ.अंकित ठाकुर,परीक्षा नियंत्रक अफ़ज़ल खान,विभागाध्यक्ष डॉ.मनिंदर कौर,डॉ. मोनिका समेत अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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