प्रदेश की सुक्खू सरकार को गिराने के षड्यंत्र और बागी विधायकों को चौपर से लाने व ले जाने तथा खर्चा उठाने सहित भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत बालूगंज पुलिस थाना में दर्ज हुए मामले में आखिरकार उच्च न्यायालय की फटकार के बाद पूर्व विधायक आशीष शर्मा बालूगंज पुलिस थाना में पूछताछ के लिए शनिवार को पहुंचे।यहां पुलिस ने उनसे करीब तीन घंटे तक पूछताछ की,लेकिन पुलिस के सवालों का वह कुछ ठोस जवाब नहीं दे सके हैं।हालांकि पुलिस को कुछ बिंदुओं की टिप अवश्य मिली है,जिस पर पुलिस इसको क्रॉस वैरीफाई करेगी।पूर्व विधायक आशीष शर्मा को 13 और 18 जून को भी बालूगंज पुलिस थाना में बुलाया गया था,लेकिन जब वह नहीं पहुंचे तो पुलिस ने उच्च न्यायालय में अपना पक्ष रखा,जिस पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए उन्हें शनिवार को पुलिस जांच में सहयोग करने की फटकार लगाई थी।पुलिस का कहना है कि उन्होंने पुलिस जांच में पूरा सहयोग नहीं किया,अपितु बार-बार उठते रहे और यहां-वहां आते जाते रहे,जबकि पूर्व विधायक का कहना है कि उन्होंने पुलिस जांच में पूरा सहयोग किया है।प्राप्त जानकारी के अनुसार,पुलिस के सवालों का पूर्व विधायक कुछ ठोस जवाब नहीं दे सके।बताया जाता है कि पुलिस ने उनसे किस होटल में ठहरने के बारे में पूछा था तो उन्होंने कहा कि ललित होटल में वह ठहरे थे,लेकिन होटल वाले पहले ही इससे इन्कार कर चुके हैं,जबकि वह हयात होटल में ठहरे थे,वहां दवाई बनाने वाली एक कंपनी ने बिल का भुगतान किया है।पुलिस ने चौपरों से लाने व ले जाने के खर्च के बारे में सवाल पूछा तो उन्होंने इन्कार किया कि वह नहीं जानते कि हैलीकॉप्टर किसने हायर किए थे और इसका खर्च किसने वहन किया है।बता दें कि एक चौपर का एक घंटे के लिए 10 लाख खर्च होता है,जबकि 10-10 घंटे चौपरों में विधायकों को लाया व ले जाया गया है।उत्तराखंड के एक भाजपा नेता द्वारा 20 लाख के भुगतान के पूछे गए सवाल पर भी वह टालमटोल ही कर गया कि उन्हें इसका पता नहीं है।पुलिस को कुछ बिंदुओं पर कुछ तथ्य हाथ लगे हैं,जिसकी पुलिस क्रॉस जांच करने में जुट गई है।इस मामले में अभी कई अन्यों से पूछताछ होनी शेष है।इस मामले में हाल ही में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के प्रचार सलाहकार तरुण भंडारी भी पेश हो चुके हैं,जबकि पूर्व आईएएस अधिकारी राकेश शर्मा से भी पूछताछ हो चुकी है।बालूगंज पुलिस थाना में पुलिस जांच के बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए पूर्व विधायक आशीष शर्मा ने कहा कि उन्होंने पुलिस के हर सवाल का जवाब दिया है।उन्होंने पुलिस से आग्रह किया कि जो भी सवाल पूछने हैं,उसके लिए 10 जुलाई के बाद बुलाया जाए,क्योंकि उपचुनाव की वजह से उनके लिए एक-एक मिनट कीमती है।उन्होंने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा कि यदि हिमाचल का सबसे बड़ा माफिया है तो वह मुख्यमंत्री स्वयं है।मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश में झूठ की दुकान खोल रखी है,जहां आते हैं झूठ बोलते हैं और चले जाते हैं।आरोप लगाया और कहा कि हम दावा करते हैं कि हमीरपुर और कांगड़ा में सबसे बड़ा खनन माफिया अगर कोई है तो मुख्यमंत्री के सगे भाई हैं।

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