केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि सर्वविदित है कि हमीरपुर मेडिकल कालेज भाजपा की देन है।अब या तो मुख्यमंत्री सुक्खू की याददाश्त कमजोर है या उन्हें भाजपा के किए कामों की क्रेडिट लेने की बीमारी लग गई है।सुक्खू गली-गली घूमकर मेडिकल कॉलेज पर सिर्फ झूठ बोल कर अपनी अपरिपक्व राजनीति का परिचय दे रहे हैं।16 महीनों के शासन में मुख्यमंत्री जनता के लिए कुछ नहीं कर पाए,अपनी एक भी गारंटी पूरी नहीं कर पाए,तो अब चुनाव के समय जन आक्रोश से बचने के लिए भाजपा के कार्यों को अपना बताकर बचना चाह रहे हैं।अच्छा होगा अगर मुख्यमंत्री दूसरे के काम चुराने से ज्यादा अपने सरकार के कार्यों पर ध्यान दें,क्योंकि पब्लिक सब जानती है।अनुराग ठाकुर ने कहा,कि चार जून को कांग्रेस हमीरपुर लोकसभा सीट हार रही है।मुख्यमंत्री भी यह बात भली-भांति जानते हैं। अपनी खो रही विश्वसनीयता,खत्म होते जनाधार और हताशा में उन्होंने झूठ को अपना आवरण बना लिया है।आज मेडिकल कॉलेज और रेल पर झूठ बोल रहे है,फिर चार जून को ईवीएम का रोना रोएंगे।अनुराग ने कहा कि जनता के आशीर्वाद से मैंने मोदी सरकार से जोलसप्पड़ में मेडिकल कॉलेज को मंज़ूरी दिलवाई,जमीन भी हमने उपलब्ध करवाई,शिलान्यास भी हमने किया,निर्माण कार्य भी हमने ही शुरू कराया और उद्घाटन भी हम ही करेंगे।अनुराग ठाकुर ने बताया कि पहली मार्च, 2014 को,जोनल अस्पताल मंडी में 100 बिस्तरों वाले मातृ-शिशु ब्लॉक (17 करोड़ की लागत) की आधारशिला रखते हुए,तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री,गुलाम नबी आज़ाद ने हिमाचल प्रदेश के लिए दो मेडिकल कॉलेजों (चंबा और नाहन) के साथ-साथ दो ट्रॉमा सेंटर और एक बर्न सेंटर के स्थापन की घोषणा की थी।उन्होंने उस समय खराब मौसम के कारण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से टांडा मेडिकल कॉलेज के अधूरे सुपर स्पेशलिटी अस्पताल ब्लॉक का उद्घाटन किया था।उसमे भी हमीरपुर मेडिकल कॉलेज का कोई उल्लेख नहीं था।अनुराग ठाकुर ने बताया,कि पांच मार्च 2014 को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक हुई और स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने का निर्णय लिया गया।उसी दिन भारत के चुनाव आयोग ने लोकसभा के लिए आम चुनावों की घोषणा कर दी,जिससे आदर्श आचार संहिता लागू हो गई,तो ऐसे में इस मंत्रिमंडल की बैठक और एमओयू का कोई मतलब नहीं रह गया।अनुराग सिंह ठाकुर ने बताया कि सरकार बदलने के बाद मैंने विभिन्न स्तरों पर व्यक्तिगत मुलाकातों और पत्राचार के माध्यम से स्वास्थ्य और कल्याण मंत्रालय के साथ इस मामले को सक्रिय रूप से उठाया और काफी प्रयासों के बाद न केवल चंबा और नाहन मेडिकल कॉलेजों के लिए धन जारी हुआ,बल्कि चरणबद्ध उद्घाटन के लिए निर्धारित 157 नए मेडिकल कॉलेजों की सूची में डा.राधाकृष्णन मेडिकल कॉलेज,हमीरपुर को भी सफलतापूर्वक शामिल कराया।

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