
हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के 7वें दीक्षांत समारोह में अति विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थित राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि यह क्षण सृजनात्मकता,ज्ञान व आजीवन शिक्षा प्राप्ति की सतत आकांक्षा की शुरूआत है। उन्होंने कहा कि उपाधि एवं पदक प्राप्त करने वाले सभी छात्र-छात्राओं के लिए आज आत्म मंथन का दिन भी है।वे अपनी अभी तक की चुनौतियों और उपलब्धियों पर दृष्टि डालें और विचार करें कि यहां तक की उनकी यात्रा कैसी रही।उन्होंने कहा कि यह अपनी दुर्बलताओं और श्रेष्ठताओं को पुन: पहचानने का समय है।श्री शुक्ल ने कहा कि उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं और मैडल विजेताओं की समाज,राष्ट्र और राज्य के प्रति अहम भूमिका है,जिसे उन्हें पूरी निष्ठा के साथ निभाना होगा।इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल को डाक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की।
