
Shimla:नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार,विशेष तौर पर मुख्यमंत्री और कांग्रेस के केंद्रीय नेता विधायकों के ऊपर दबाव बना रहे हैं।उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था के अनुरूप विधायक चुने हुए प्रतिनिधि हैं और उनको अपना वोट देने का अधिकार है।22 फरवरी को कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक हर्षवर्धन ने एक पत्र जारी कर लिखा कि चुनाव में कांग्रेस पार्टी के विधायक राज्यसभा के लिए अधिकृत प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी को वोट डालेंगे।भाजपा ने इसकी शिकायत भारतीय निर्वाचन आयोग से भी की,जिसमें हर्षवर्धन चौहान का लिखा पत्र नत्थी किया है।भाजपा नेताओं ने इस संबंध में मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग को शिकायत भेजी।मंगलवार को प्रेस वार्ता कर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि भारतीय निर्वाचन आयोग ने कहा है कि कभी व्हिप जारी ही नहीं किया जा सकता है,लेकिन उसके बावजूद कांग्रेस पार्टी ने इसे जारी किया है। कांग्रेस नेताओं ने यहां तक कहा है कि व्हिप का उल्लंघन किया तो उनकी विधानसभा सदस्यता जाएगी।जयराम ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने विधायकों के साथ बैठक में कहा कि जब वोट डाला जाएगा तो अपनी पार्टी के एजेंट को वोट डालने के बाद वोट दिखाना होगा।अगर वोट दिखाने के बाद किसी भी सदस्य ने अगर क्रॉस वोटिंग की है तो उनका वोट अवैध होगा।जयराम ने कहा कि अधिकृत एजेंट सिर्फ वोट को देख सकते हैं,लेकिन उसको अवैध करने की कोई भी ताकत उसमें नहीं है।जयराम ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह विधायकों की लोकेशन लेने और फोन टैप करने के काम में लगी हुई है।उन्होंने कहा कि विधानसभा में वरिष्ठ सदस्य सुधीर शर्मा ने कहा है कि उनको कॉल पर मारने की धमकी मिली।नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि देवभूमि में कानून व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक है।हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा की सीट के लिए जिस प्रकार से सरकार का और सत्ता का उपयोग दबाव के लिए किया जा रहा है,यह भी उचित नहीं है।
