Himachal Pradesh में भांग की कैपटिव खेती को लीगल करने को लेकर बनाई गई सर्वदलीय कमेटी की रिपोर्ट राजस्व मंत्री शुक्रवार को विधानसभा में रखेंगे। भाजपा विधायक विपिन सिंह परमार की ओर से पूछे गए सवाल के जवाब में यह जानकारी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दी।उन्होंने कहा कि इस कमेटी में भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों के विधायक हैं और राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने शुक्रवार को यह रिपोर्ट सदन में रखने की अनुमति मांगी है। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने भी बताया कि उन्होंने यह अनुमति दे दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कमेटी ने इस मसले पर काफी स्टडी की है और यदि आगे विदेश भी जाने की जरूरत हुई, तो कमेटी को भेजा जाएगा। भाजपा विधायक विपिन परमार ने मुख्यमंत्री से पूछा था कि क्या भांग की खेती को कानूनन मान्यता सरकार देने जा रही है?इसके कानूनी पहलुओं पर विचार हो गया है और वर्तमान में कहां-कहां अवैध खेती हो रही है?जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा की हिमाचल के चार जिलों चंबा,कुल्लू,मंडी और शिमला में अवैध तरीके से यह खेती होती है।उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में एनडीपीएस एक्ट की धारा 14 के तहत इसे वैद्यता दी गई है।

कमेटी ने इसके अलावा मध्य प्रदेश के ग्वालियर जाकर भांग के दवाओं में इस्तेमाल की प्रक्रिया को देखा है और श्रीनगर में भी ऐसी ही व्यवस्था है।विदेश में इजराइल,नीदरलैंड और कनाडा इत्यादि में इस तरह की कल्टीवेशन होती है।अनुपूरक सवाल करते हुए नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि जहां तक नीति बनाने की बात है,तो इस बारे में पुनर्विचार की जरूरत है।

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