
इन दिनों बरसात के मौसम में प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में नेत्र रोग की समस्या सामने आ रही है,मौसम में आ रहे बदलाव के चलते इन दिनों प्रदेश के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में आँखों में लालीमां की शिकायत लिए रोगी इलाज के लिए पहुंच रहे हैं,इसे कन्जक्टिवाईटिस,आई फ्लू और आँख आना भी कहा जाता है,निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं हिमाचल प्रदेश डॉ.गोपाल बेरी ने बताया कि इन दिनों आई फ्लू संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं,जिसमें रोगी की आँखें लाल हो जाती है और उसमें चिपचिपापन,आंसू आना,चुभन होना और कभी कभार आँखों में सुजन भी आ जाती है,सामान्यतः यह बीमारी तीन से पांच दिन में अपने आप ठीक हो जाती है,इस रोग का संक्रमण मुख्यतः आँख से निकलने वाले पानी से फैलता है,जब संक्रमित व्यक्ति अपने प्रयोग किए गए रूमाल, तौलिए व अपनी व्यक्तिगत स्वछता को नज़रअंदाज कर सार्वजनिक स्थानों पर प्रयोग की जाने वाली वस्तुओं को छूता है तो संक्रमण फैलने की आशंका अधिक बन जाती है।

डॉ. बेरी ने बताया कि आई फ्लू से संक्रमित रोगी व्यक्तिगत व वातावरण की स्वछता का विशेष ध्यान रखे,अपनी आँखों को कुछ समय अंतराल पर साफ़ व ठंडे पानी से धोएं,भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर जानें से बचें,अपने प्रयोग किए जाने वाले रूमाल,तौलिए,तकिया,चादर और कपड़ों को अलग रखे,परिवार के सदस्यों से कुछ समय के लिए थोड़ी दूरी बनाए रखे,समय समय पर अपने हाथों को साबुन पानी से धोएं,छोटे बच्चों में यह समस्या होने पर उन्हें तीन से पांच दिन तक स्कूल न भेजें,संक्रमित व्यक्ति सार्वजनिक जगह पर जानें से बचें,यदि तीन दिनों तक आई फ्लू से आराम न हो तो इससे अन्य बीमारी होने की सम्भावना हो सकती है,ऐसे में अपने नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान में जाकर चिकित्सकों से परामर्श लें,संक्रमित व्यक्ति की आँख को देखने से इस बीमारी के फ़ैलाने की धारणा केवल एक भ्रम है,इस संक्रमण की मात्र रोगी से हाथ मिलाने एवं उसकी उपयोग की गई चीजें इस्तेमाल करने से ही फैलने की संभावना रहती है।

निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं ने जन साधारण से आवाहन किया है कि किसी भ्रम या सुनी-सुनाई बातों को दर किनार कर चिकित्सिकीय परामर्श के बगैर इस संक्रमण के लिए बाज़ार से कोई दावा न लें और रोग की सही जानकारी व परामर्श लेकर अपनी व अपने परिवार को आई फ्लू जैसे साध्य संक्रमण से सुरक्षित रखें,आई फ्लू से किसी भी प्रकार की दृष्टि बाधिता की समस्या नहीं होती,यह सामान्य संक्रमण है, ऐसे में सजग और सतर्क रहते हुए आई फ्लू अथवा कन्जक्टिवाईटिस की समस्या से बच सकते है।

