आपदा को देखते हुए विधायक निधि जारी करे सरकार, प्रभावितों को मिलती है तत्काल मदद

Mandi:नेता प्रतिपक्ष ने बाढ़ प्रभावित थुनाग क्षेत्र का दौरा किया और पीड़ित परिवारों से मिले।पीड़ित परिवारों ने नेता प्रतिपक्ष से मिलकर अपनी समस्याएं बताई।लोगों का कहना है कि सरकार सभी प्रभावितों को राहत प्रदान नहीं कर रही हैं।बहुत सारे लोगों का सब कुछ चला गया लेकिन उन्हें कुछ भी नहीं मिला है।लोगों के आशियानें ख़त्म हो गये हैं और लोग किराए के घरों में या रिश्तेदारों के यहां रहने को मजबूर हैं।आपदा के इतने दिनों बाद भी जनजीवन अस्तव्यस्त है। नेता प्रतिपक्ष ने इस मुलाक़ात में थुनाग के लोगों से मिलकर आपदा से निपटने के विषय में चर्चा की और लोगों से सुझाव भी लिए।इस मौक़े पर सभी लोगों ने भविष्य के लिए कई सुझाव दिये जिससे भविष्य में इस प्रकार मी घटनाएं घटित न होने पाए।इसके लिए स्थानीय लोगों ने नाले के चैनलाइजेशन का प्रस्ताव दिया।नेता प्रतिपक्ष ने इसे अपनी विधायक प्राथमिकता के काम के रूप में प्रस्तावित करने का भरोसा दिया और इस मसले को केंद्र और राज्य सरकार के समझ उठाने की बात कही।नाले के लिए कई लोगों ने ज़मीन देने का भी प्रस्ताव रखा।कई स्थानीय लोगों ने कहा कि इस आपदा में राहत के तौर पर किसानों को कुछ नहीं मिला। फ़्लोरीकल्चर को बहुत नुक़सान हुआ है।लेकिन कोई मुआवज़ा नहीं मिला है।सरकार इस पर भी ध्यान दे क्योंकि कई लोगों ने क़र्ज़ लेकर फूलों की खेती की थी,सब कुछ बर्बाद हो गया।नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार विधायक निधि को बहाल करे।इससे लोगों को तत्काल मदद मिलती हैं।

नेता प्रतिपक्ष ने इस दौरान लोगों को संबोधित करते हुए सरकार पर भी गंभीर आरोप लगाए।उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने हमें बदनाम करने की कोशिश की,तमाम उल्टे सीधे आरोप लगाए।सरकार में बैठे कई लोगों का कहना है कि सड़के ज़्यादा बनने से यह तबाही आई,तो सरकार बताए जिन क्षेत्रों में सड़कें नहीं थी,वहाँ पर तबाही कैसे आई।नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सड़के लोगों की माँग पर बनाई गई थी, हमने लोगों के पीठ का बोझ कम करने के लिए सड़कें बनवाई थी।यह ग़लत परंपरा हैं। इसे रोका जाना चाहिए। राजनीति में बदले की नहीं विकास करने कि भावना से काम करना चाहिये।उन्होंने कहा कि जब मैं मुख्यमंत्री बना तो मैंने किसी को परेशान करने की बजाय प्रदेश के विकास के लिए काम करने को तरजीह दी न कि लोगों को परेशान करने की।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि केंद्र सरकार पर अनावश्यक आरोप लगाने से पहले मुख्यमंत्री बताएं कि उन्होंने किया किया। प्रदेश में हुई तबाही की हालत देखकर मैं दिल्ली गया और गृह मंत्री अमित शाह को पूरे मामले से अवगत करवाया। उन्होंने 183 करोड़ जारी किए और राष्ट्रीय अध्यक्ष को हिमाचल भेजते हुए कहा कि कल दूसरी किश्त भी पहुंच जाएगी।अगले दिन 181 करोड़ रुपये की दूसरी किस्त आ गई।राहत और बचाव कार्य के लिए सभी सहयोग दिया। मुख्यमंत्री ने क्या किया,सरकार ने क्या किया।सैल्फ़ी खिंचवाने के अलावा।केंद्र द्वारा दी गई मदद में दो-चार सौ करोड़ और जोड़ देते तब भी कोई बात थी।आज तक किसी ने सहयोग मिलने के बाद भी इस तरह की बात नहीं की है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह पहली बार हो रहा है जब राहत बांटने का काम प्रशासन के अलावा नेताओं और विधायकों के परिवार के लोग कर रहे हैं।कहीं पर मंत्रियों,सीपीएस और विधायकों के बेटे और पत्नी राहत का पैसा नक़द में बांट रहे हैं।आज तक ऐसा नहीं हुआ।नक़द राशि तो फ़ौरी तौर पर दी जाती है तो मुख्यमंत्री बताएं क्या नुक़सान आँकलन के बाद भी प्रभावितों को और पैसा दिया जायेगा।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार आपदा के समय सभी क्षेत्र के लोगों के साथ समान व्यवहार करे।शक्ल देखकर राहत दी जा रही है।रेड क्रॉस सोसाइटी की तरफ़ से हमने मंडी में आपदा प्रभावितों के लिए 210 राहत सामग्री के पैकेट भेजे थे।लेकिन थुनाग में मात्र तीन लोगों को यह राहत सामग्री मिली जबकि सौ से ज़्यादा घर तो बादल फटने की वजह से क्षतिग्रस्त हुए हैं।उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा कि वह पूरे प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं,पूरे प्रदेश के लोग उनके हैं। तो वह इस तरह का भेदभाव बंद करें।

इसके बाद नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर सिराज विधान सभा क्षेत्र में आयोजित होने वाले भराड़ी मेले में पहुंचे और सभी देवी देवताओं को शीश नवाकर प्रदेश वासियों के सुख शांति के लिए कामना की और आशीर्वाद मांगा।इस दौरान वह स्थानीय लोगों से भी मिले और सबका हाल चाल जाना। उन्होंने कहा कि मेले हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *