हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने शिमला के टुटू के पास बंदरों के आतंक के चलते युवती की मौत पर कड़ा संज्ञान लिया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश विरेंदर सिंह की खंडपीठ ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि वह बंदरों को वर्मिन घोषित करने पर स्थिति स्पष्ट करे।मामले की गंभीरता के दृष्टिगत कोर्ट ने केंद्र सरकार के पर्यावरण मंत्रालय को प्रतिवादी बनाया है।इसके अलावा प्रधान सचिव वन,डी.सी.शिमला,आयुक्त नगर निगम और डी.एफ.ओ.वन्य जीव को प्रतिवादी बनाया गया है। हिन्दी दैनिक समाचारों में प्रकाशित खबर पर कोर्ट ने संज्ञान लिया है।

शहर के ढांडा क्षेत्र में विगत 24 अप्रैल को बंदरों के हमले के कारण एक युवती अपने घर की तीसरी मंजिल से गिर गई।युवती को आई.जी.एम.सी. ले जाया गया,लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। पुलिस के अनुसार हिमांशी (19) पुत्री अशोक शर्मा अपने घर की तीसरी मंजिल पर कपड़ों को सुखाने गई थी।इस बीच बंदरों ने उस पर हमला कर दिया।डरकर हिमांशी अचानक तीसरी मंजिल से नीचे गिर गई।लहूलुहान हालत में हिमांशी को आई.जी.एम.सी. ले जाया गया,जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।बंदरों के आतंक के चलते मौत का यह पहला वाकया नहीं है। इससे पहले भी कई लोग इसी तरह की घटनाओं के चलते अपनी जान गंवा बैठे हैं।मामले पर आगामी सुनवाई 15 मई को निर्धारित की है।

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