उपायुक्त की अध्यक्षता में जिला टीकाकरण टास्क फोर्स की बैठक आयोजित।

जिला शिमला में 21 दिसंबर 2025 रविवार राष्ट्रीय पोलियो टीकाकरण दिवस के अवसर पर विशेष ओरल पोलियो वैक्सीन बच्चों को पिलाई जाएगी।इसको लेकर उपायुक्त अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में वीरवार को जिला टीकाकरण टास्क फोर्स की बैठक आयोजित की गई।उपायुक्त ने कहा कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य भारत की पोलियो मुक्त स्थिति को बनाए रखना है।इस अभियान के तहत 0 से 5 वर्ष की आयु के सभी बच्चों को पोलियो की दो बूंदें ओरल पोलियो वैक्सीन पिलाने का लक्ष्य रखा गया है।यह अभियान मुख्य रूप से तीन से चार दिनों तक चलेगा।21 दिसंबर 2025 रविवार को बूथ दिवस जहाँ टीकाकरण केंद्रों बूथों पर बच्चों को दवा पिलाई जाएगी,22 से 24 दिसंबर 2025 मॉप अप राउंड जिसमें स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर छूटे हुए बच्चों को टीका लगाएंगे।

हालांकि भारत 2014 से पोलियो मुक्त है।लेकिन पड़ोसी देशों पाकिस्तान और अफगानिस्तान में अभी भी इसके मामले सक्रिय हैं।इसलिए सुरक्षा के लिए यह वार्षिक अभियान महत्वपूर्ण है।अनुपम कश्यप ने कहा कि इस अभियान को प्रभावी बनाने के लिए जिला शिमला के प्रवेश द्वार पर एक बूथ स्थापित किया जाएगा,जहां पर पोलियो की ड्रॉप पिलाई जाएंगी।यहां पर स्थानीय कलाकारों का समूह भी लोगों को जागरूक करेगा। उन्होंने कहा कि पोलियो के फैलने का खतरा हमेशा बना रहता है।ऐसे में हम सभी का कर्तव्य है कि 21 दिसंबर को 0 से 5 वर्ष के आयु के सभी बच्चों को पोलियो की ड्राप्स जरूर नजदीकी बूथ में पिलाएं।उपायुक्त ने अभियान के क्रियान्वयन को लेकर संबधित विभागों को कड़े निर्देश दिए हैं कि एक भी बच्चा छूटना नहीं चाहिए।जिला भर में जो लक्ष्य निर्धारित किया गया है उसे 100 फीसदी हासिल करने के लिए एकजुट होकर कार्य करें।उपायुक्त ने कहा कि झुग्गी-झोपड़ी के क्षेत्र,निर्माण कार्य हो रहे क्षेत्र,बस स्टैड आदि को विशेष रूप से टारगेट किया जाए।

स्कूलों में अगले सत्र से बीमारियों के प्रति जागरूक करने के लिए चलाया जाएगा विशेष अभियान:उन्होंने कहा कि जिला के स्कूलों में अगले सत्र से बीमारियों के प्रति जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा।क्योंकि बच्चों को हाइजीन के प्रति जागरूक करना बेहद जरूरी है।तभी बच्चे बीमारियों से दूर रह पाएंगे।इस बैठक मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ यशवंत रांटा,डा विनीत लखनपाल सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

संक्रमित व्यक्ति के मल से भी फैलता है पोलियो,हाइजीन का रखें विशेष ध्यान:पोलियो मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति के मल के संपर्क से भी फैलता है खासकर जब हाथ ठीक से न धोएं हो और फिर भोजन या वस्तुओं को छू लिया जाए।इससे भी वायरस मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है।यह संक्रमित व्यक्ति की खांसी या छींक की बूंदों से भी फैल सकता है।नदी-नालों के किनारे खुले में शौच करने के कारण भी यह वायरस फैल सकता है।पोलियो का वायरस लंबे समय तक पानी में जीवित रह सकता है।ऐसे में इसके फैलने का खतरा हमेशा बना रहता है।भारत में 1970 में दो से चार लाख केस हर साल आते थे,1972 में इसको लेकर टीकाकरण अभियान शुरू किए गए थे,वर्ष 2011 में अंतिम पोलियो का मामला सामने आया था।इसके साथ ही वर्ष 2014 में भारत पोलियो मुक्त बन गया था।विश्व में वर्ष 2024 में पोलियो के 62 मामले सामने आए थे जोकि पाकिस्तान,अफगानिस्तान और मोजांबिक देश में ही थे। इसके साथ वर्ष 2025 में 38 मामले सामने आए जोकि अफगानिस्तान और पाकिस्तान देश में ही है।हिमाचल प्रदेश में पोलियो का अंतिम केस सोलन जिला में 17 अक्टूबर 2009 में सामने आया था।इसके बाद प्रदेश में कोई भी मामला अभी तक सामने नहीं आया है।

जिला में 743 बूथ किए जाएंगे स्थापित:जिला टीकाकरण टास्क फोर्स ने 21 दिसंबर को जिला भर में 57010 बच्चों के लिए 743 बूथ स्थापित करने का फैसला किया है।इसके तहत चिढ़गांव मं 71,कोटखाई में 74,कुमारसैन में 42,मशोबरा में 138,मतियाना में 72,ननखड़ी में 33,नेरवा में 119,रामपुर में 68,सुन्नी में 37,टिक्कर में 66 और शिमला शहरी में 43 बूथ लगेंगे।

क्या है पोलियो:पोलियो (पोलियोमाइलाइटिस) एक अत्यधिक संक्रामक वायरल रोग है जो तंत्रिका तंत्र पर हमला करता है और खासकर छोटे बच्चों में और लकवा (पक्षाघात) या मृत्यु का कारण बन सकता है।यह दूषित भोजन,पानी या संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से फैलता है,लेकिन पोलियो वैक्सीन(ओरल पोलियो वैक्सीन)के माध्यम से इसे प्रभावी ढंग से रोका जा सकता है।पोलियो के लक्षण:अधिकांश संक्रमित लोगों में कोई लक्षण नहीं दिखते।कुछ में हल्के लक्षण दिख सकते हैं जैसे कि बुखार,गले में खराश,सिरदर्द,पेट दर्द,मांसपेशियों में दर्द,थकान,जी मिचलाना और उल्टी।गंभीर मामलों में यह वायरस रीढ़ की हड्डी और मस्तिष्क को प्रभावित करता है, जिससे स्थायी लकवा (पक्षाघात) हो सकता है, खासकर पैरों में।पोलियो नामक वायरस मुख्य रूप से मल-मौखिक मार्ग (Fecal-Oral Route) से यानी दूषित भोजन या पानी के सेवन से या संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है।पोलियो का कोई इलाज नहीं है,लेकिन टीकाकरण ही इसका एकमात्र प्रभावी तरीका है।

