
(संजीव ठाकुर)दिल्ली:राजधानी दिल्ली में लाल किले के पास हुए धमाके ने पूरे देश की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।इस धमाके में कई निर्दोष लोगों की मौत हो चुकी है और कई गंभीर रूप से घायल हैं।लेकिन अब सबसे बड़ा सवाल यही उठ रहा है कि इतनी बड़ी सुरक्षा चूक के बावजूद अब तक किसी जिम्मेदार अधिकारी पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई?गौर करने वाली बात यह है कि कुछ समय पहले मुख्यमंत्री से जुड़े एक “बदसलूकी मामले” की घटना के बाद सरकार ने तत्काल दिल्ली पुलिस कमिश्नर को बदल दिया था।उस वक्त यह कहा गया था कि यह “सुरक्षा में गंभीर चूक” थी।तो फिर अब जब राजधानी के दिल में धमाका हुआ है,कई निर्दोषों की जानें गई हैं,तो वही संवेदनशीलता और तत्परता कहां गायब हो गई?

राजधानी की सुरक्षा और इंटेलिजेंस नेटवर्क की नाकामी अब खुलकर सामने आ रही है।सूत्रों के अनुसार,सुरक्षा एजेंसियों को धमाके से पहले कुछ इनपुट जरूर मिले थे,लेकिन उनका सही तरीके से विश्लेषण नहीं किया गया।यही कारण है कि इस घटना ने राष्ट्रीय सुरक्षा तंत्र की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा दिया है,प्रधानमंत्री ने भले ही यह बयान दिया हो कि“हमले के दोषी नहीं बचेंगे”मगर जनता अब यह पूछ रही है कि जो सुरक्षा और इंटेलिजेंस फेल्योर के जिम्मेदार हैं,उन पर कार्रवाई कब होगी?क्या यह दोहरी नीति नहीं कि एक मामले में पुलिस कमिश्नर को तुरंत हटा दिया जाए और दूसरे में,जहां जानें गईं,वहां सरकार चुप्पी साधे रहे?इसी बीच,दिल्ली क्राइम ब्रांच ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए हथियारों के अवैध जखीरे का भंडाफोड़ किया है।एसीपी नरेंद्र बेनीवाल और इंस्पेक्टर संदीप तुषीर की टीम ने रोहिणी इलाके से कुख्यात हथियार तस्कर गौरव कुमार को गिरफ्तार किया है।

आरोपी के कब्जे से 14 अवैध हथियार (6अर्ध-स्वचालित पिस्तौल,8 सिंगल शॉट पिस्तौल)56 ज़िंदा कारतूस और 4 अतिरिक्त मैगज़ीन बरामद की गई हैं,पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि गौरव पिछले 4-5 महीनों से अवैध हथियार तस्करी में सक्रिय था और मध्य प्रदेश के खरगोन जिले से हथियार लाकर दिल्ली-एनसीआर व यूपी के अपराधियों को सप्लाई करता था,खरगोन जिला पहले भी कई बार हथियार तस्करी के मामलों में दिल्ली व पंजाब पुलिस के रडार पर रह चुका है,दूसरी ओर, सोशल मीडिया पर कुछ चैनलों द्वारा यह दावा किया गया कि लाल किला धमाके में इस्तेमाल हुई i20 कार अल-फलाह अस्पताल (धौज,फरीदाबाद)में कई दिनों से खड़ी थी,इस पर फरीदाबाद पुलिस प्रवक्ता ने स्पष्ट बयान जारी करते हुए कहा है कि“यह खबर पूरी तरह भ्रामक है और पुलिस ने ऐसी कोई पुष्टि नहीं की है,जनता अब सरकार से सिर्फ एक ही जवाब चाहती है,जब मुख्यमंत्री से बदसलूकी कांड में पुलिस कमिश्नर को तुरंत बदला जा सकता है,तो इतनी बड़ी सुरक्षा चूक पर कार्रवाई में देरी क्यों?

