राज्यपाल श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी पर्व के अवसर पर शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर श्री गुरू सिंह सभा शिमला द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में उपस्थित हुए।इस अवसर पर,उन्होंने कहा कि त्याग,तपस्या, बलिदान और मानवता की सेवा ही गुरुजी का परम् संदेश है और उनके दिखाए मार्ग पर चलने की आवश्यकता है।राज्यपाल ने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी का जीवन हमें यह सिखाता है कि धर्म केवल पूजा का नहीं,बल्कि मानवता की रक्षा का मार्ग है।उन्होंने संपूर्ण मानवता के अधिकारों की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर किए।उनकी शहादत ने यह सिद्ध किया कि सत्य और न्याय की रक्षा के लिए किया गया बलिदान कभी व्यर्थ नहीं जाता।उनका संदेश किसी एक धर्म तक सीमित नहीं,बल्कि संपूर्ण मानवता के लिए था।आज जब इस पवित्र अवसर पर विभिन्न धर्मों के लोग,विभिन्न स्थानों से आई संगत यहाँ एकत्र हैं,तो यह भारत की एकता और भाईचारे की सबसे सुंदर झलक प्रस्तुत करता है।

श्री शुक्ल ने कहा कि जब समाज भय,असहिष्णुता या विभाजन का सामना करता है,तब गुरु जी की शिक्षा हमें साहस,करुणा और सेवा का मार्ग दिखाती है।उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि धर्म की सच्ची साधना मानवता की सेवा और सत्य के मार्ग पर चलने में है।उन्होंने लोगों का आह्वान किया कि गुरु जी के आदर्शों को अपने जीवन में उतारें।सहिष्णु बनें,दूसरों की आस्था का सम्मान करें,और समाज में एकता,सद्भाव और सेवा की भावना को आगे बढ़ाएँ।इससे पूर्व,श्री गुरु सिंह सभा के अध्यक्ष,जसविंद्र सिंह ने राज्यपाल को सम्मानित किया।

नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर,लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह,सांसद सुरेश कश्यप,पूर्व सांसद एवं कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह,नगर निगम के महापौर सुरेन्द्र चौहान,विधायक हरीश जनारथा और हरदीप सिंह बावा,शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के सदस्य दलजीत सिंह भिंडर,सिख संगत और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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